28 गुना तक ज्यादा हो गए एडमिशन
- 2015-16 से हुई थी कानपुर में आरटीई से एडमिशन लेने की शुरुआत
- आर्थिक कमजोर बच्चों को आरटीई के तहत फ्री एजुकेशन देने का प्रावधान है KANPUR: कभी 67 बच्चों को एडमिशन मिला था। 2021 में यह संख्या बढ़कर 1919 तक पहुंची और इस बार पहली लाटरी में ही 3525 की लॉटरी निकली है। एडमिशन लगभग 28 गुना तक होने लगे हैं। हम बात कर रहे हैं आरटीई के तहत होने वाले एडमिशन की। जब हम जब निशुल्क एवं बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की बात की जाती है तो आमतौर पर प्राइमरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के अफसरों की लापरवाही ही सामने आती है। हालांकि अगर आरटीई के तहत जिले में होने वाले एडमिशन संबंधी डेटा की एनालिसिस करेंगे तो हकीकत कुछ और ही है। 3525 बच्चों ने अपनी जगह बनाईडिपार्टमेंट की ओर से पिछले छह सालों में जो डेटा तैयार किया गया, उसके मुताबिक एडमिशन में 28 गुना तक इजाफा हुआ। वर्ष 2015-16 से जिले में एडमिशन की शुरुआत हुई थी, उस सेशन में महज 67 बच्चों को ही एडमिशन मिला था। जबकि सत्र 2020-21 में कोरोना महामारी के बीच यह आंकड़ा 1919 बच्चों तक पहुंच गया। यही नहीं, सत्र 21-21 की पहली लॉटरी में 3525 बच्चों ने अपनी जगह बनाई है।
साढ़े छह हजार से अधिक आवेदन
सेशन 2021-22 में आरटीई से एडमिशन के प्रॉसेस को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया। जो पेरेंट्स फॉर्म नहीं भर सकते थे, उनके फॉर्म डिपार्टमेंट के कर्मचारियों ने भरे। इसका रिजल्ट यह रहा कि सेशन 2021-22 में जो पहले फेज में आवेदन हुए, उसमें 6583 फॉर्म भरे गए। यह संख्या पिछले छह वर्षों में सर्वाधिक रही। कब कितने एडमिशन सेशन टोटल एडमिशन 2015-16 67 2016-17 254 2017-18 434 2018-19 834 2019-20 1336 2020-21 1919 अगर प्राइवेट स्कूल साथ दें, तो हर साल यह डेटा बढ़ सकता है। आरटीई से एडमिशच् लेने वाले बच्चे अधिक हैं, पर स्कूलों की मनमानी के चलते वह एडमिशन नहीं ले पाते हैं। - डॉ.पवन तिवारी, बीएसए