रेलवे के इंजन से दौड़ रही रोडवेज की गाड़ी
- ट्रेनों की संख्या सीमित होने से ज्यादातर पैसेंजर्स ले रहे रोडवेज बसों का सहारा
- डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ा पैसेंजर लोड, इनकम में भी 20 परसेंट का इजाफा हुआKANPUR.कोरोना काल में ट्रेनें बेहद सीमित संख्या में चल रही हैं। लोकल ट्रेनें तो पूरी से बंद हैं। वहीं दूसरी तरफ लोगों का आना-जाना सामान्य होता जा रहा है। ट्रेनों में जगह और रिजर्वेशन न मिलने से पैसेंजर्स बसों से सफर कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना के दौरान पैसेंजर्स के लिए तरस रही रोडवेज को नई रफ्तार मिल गई है। बस अड्डे पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ उमड़ रही है। रोडवेज ऑफिसर्स के मुताबिक, हालात यह हो गए है कि रोडवेज बसों में पैसेंजर लोड 1.5 गुना तक बढ़ गया है। जिससे उसकी आमदनी में भी खासा इजाफा हुआ है। पिछले साल की तीसरी तिमाही के मुकाबले इस बार इनकम में 20 परसेंट तक की ग्रोथ हुई है।
50 से 90 हजार तककोरोना काल के पहले झकरकटी बस अड्डे पर डेली लगभग 50 हजार पैसेंजर्स का आवागमन था। लेकिन वर्तमान में यह संख्या 80 से 90 हजार पहुंच गई है। झकरकटी आईएसबीटी के एआरएम राजेश सिंह के मुताबिक, वर्तमान में बस अड्डे पर पूर्वाचल रूट की बसों में जर्नी करने वाले सबसे अधिक पैसेंजर्स आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना की वजह से लोकल ट्रेनें पूरी तरह से बंद हैं। जिसकी वजह से सिटी के आसपास जिले जाने वाले पैसेंजर्स पूरी तरह से रोडवेज पर निर्भर हो गए हैं। इस वजह से पैसेंजर लोड काफी बढ़ा है।
लोड बढ़ने से ऑफिसर्स उत्साहित एआरएम का कहना है कि लॉकडाउन लगने के बाद रोडवेज के पहिए भी पूरी तरह ठप हो गए थे। ऐसे में विभाग को भारी रेवेन्यू लॉस उठाना पड़ा। अनलॉक 1 में रोडवेज बसें रोड पर तो उतरीं लेकिन कोरोना के डर के कारण इतने भी पैसेंजर्स नहीं मिल रहे थे कि डीजल खर्च निकल सके। ऐसे में ज्यादातर बसों को फिर वापस लिया गया। यहां कि उन्हें आरटीओ को सरेंडर कर दिया गया जिससे रोड टैक्स का बोझ कम हो सके। हालांकि अब जिस तरह से बसों में पैसेंजर लोड बढ़ा है उसे देखकर लगता है कि लॉकडाउन में हुए लॉस की काफी हद तक भरपाई हो सकती है। साइन बोर्ड नए लगेंगेआप यदि झकरकटी आईएसबीटी जाते हैं तो आपको अक्सर अपनी बस की जानकारी लेने में काफी परेशानी होती है। कभी-कभी तो पूछताछ काउंटर से भी सही जानकारी नहीं मिल पाती है। लेकिन अब रोडवेज प्रशासन इसे लेकर गंभीर है और अब साइन बोर्ड बदले जा रहे हैं। किराया सूची को भी अपडेट किया जा रहा है। नए साइन बोर्ड आपको दूर से ही बता देंगे कि किस रूट की बस किस तरफ से मिलेगी।
आंकड़े - 50 हजार पैसेंजर्स का डेली बस अड्डे पर फुटफाल था कोरोनाकाल के पहले - 80 से 90 हजार पैसेंजर्स का डेली आवागमम वर्तमान में हो गया बस अड्डे पर - 30 से 40 परसेंट पैसेंजर लोड बढ़ा है इन दिनों में - 20 परसेंट इनकम में ग्रोथ हुई है पिछले साल की अपेक्षा तीसरी तिमाही में ट्रेनों की संख्या सीमित होने और लोकल ट्रेनें पूरी तरह बंद होने से रोडवेज बसों में पैसेंजर्स लोड काफी बढ़ा है। इनकम में भी ग्रोथ हुई है। कई रूट पर एक्स्ट्रा बसें चलाने की भी तैयारी है। राजेश सिंह, एआरएम, झकरकटी बस अड्डा