3 साल का ट्रैक रिकार्ड पर आधारित रहा रिजल्ट
- सीबीएसई बोर्ड ने देखा स्टूडेंट का 3 साल का रिकार्ड, 10वीं में अच्छे नंबर लाने वालों को मिला एडवांटेज
KANPUR: कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम नहीं हुए। बोर्ड ने स्कूलों से ही 12वीं के स्टूडेंट्स के नंबर मांगे। स्कूलों की ओर से इंटरनल एग्जाम और बिना एग्जाम ही स्टूडेंट्स के पिछले रिकार्ड के आधार पर उनका रिजल्ट तैयार किया और उसकी डिटेल बोर्ड को भेज दी। आईसीएसई के रिजल्ट्स में जहां स्कूलों के 5 साल के रिजल्ट्स के आधार पर स्टूडेंट्स को नंबर दिए गए थे। वहीं सीबीएसई बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट्स में स्टूडेंट का 3 साल का ट्रैक रिकार्ड देखा गया। हाईस्कूल, 11वीं और 12वीं क्लॉस में स्टूडेंट्स के परफार्मेस को इवैलुवेशन का आधार माना गया। जिन स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल में ज्यादा नंबर्स स्कोर किए थे। उन्हें 12वीं के रिजल्ट्स में एडवांटेज मिला। एक्सपेक्टेड नंबर्स मिलेसीबीएसई बोर्ड की ओर से स्कूलों की ओर से भेजे गए रिजल्ट के बाद जिस फार्मूले के आधार पर फाइनल रिजल्ट डिक्लेयर किया गया। कई स्कूलों की ओर से रिजल्ट को लेकर संतुष्टि जाहिर की गई। मालूम हो इससे पहले आईसीएसई की ओर से जारी रिजल्ट्स में कुछ स्कूलों की ओर से कहा गया कि जैसा रिजल्ट बना कर भेजा गया था कांउसिल ने उससे काफी कम नंबर दिए। स्टूडेंट्स को दोबारा एग्जाम देने का विकल्प भी दिया गया।