स्मार्ट रूम में क्लास, हाईटेक लैब में प्रैक्टिकल
- साइंस स्टूडेंट्स के लिए डीएवी डिग्री कॉलेज में बनेगा अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर, आईआईटी व आईआईएससी की नहीं लगानी होगी दौड़
- 4 हजार स्टूडेंट को होगा लाभ, मॉर्डन लैब और स्मार्ट क्लास रूम के लिए कॉलेज को राज्य सरकार से मिला पांच करोड़ रुपये का बजट KANPUR: प्रैक्टिकल स्टडी और रिचर्स वर्क के लिए डीएवी डिग्री कालेज के स्टूडेंट्स को अब आईआईटी व आईआईएससी जैसे संस्थानों में जाने की जरूरत नहीं होगी। रिचर्स के लिए उन्हें ऐसी सभी सुविधाएं अपने ही कॉलेज में ही मिलेंगी, जिनकी उन्हें दरकार रहती है। फिजिक्स और केमिस्ट्री के स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनकर लगभग तैयार हो गया है। यह रिसर्च सेंटर के रूप में भी काम करेगा। इसी सेशन से स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। पीएचडी स्कॉलर्स के लिए अलग लैबयहां पर बनने वाली मॉर्डन लैब और स्मार्ट क्लास रूम के लिए कॉलेज को राज्य सरकार की ओर से पांच करोड़ रुपये का बजट मिला है। बीएससी व एमएससी के स्टूडेंट यहां बन रही लेटेस्ट ज्वाइंट लैबोरेट्री में रिसर्च कर सकेंगे। इसके अलावा पीएचडी स्कॉलर्स के लिए अलग से लैब बनाई जाएगी। नए सेशन से यहां के स्टूडेंट नई टेक्नोलॉजी के साथ फिजिक्स और केमिस्ट्री की स्टडी करेंगे। कॉलेज में बनाए जा रहे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में छात्रों के साथ टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाए जाएंगे। कॉलेज में हर साल बीएससी फर्स्ट इयर में एडमिशन लेने वाले व यहां स्टडी कर रहे 4 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को इसका लाभ मिलने लगेगा।
स्टार्टअप में मिलेगी मदद डीएवी डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। अमित श्रीवास्तव ने बताया कि अत्याधुनिक लैब्स के इक्विपमेंट्स आए करीब छह महीने हो चुके हैं। कोरोना के चलते काम पूरा होने में समय लग रहा है लेकिन इसी वर्ष छात्रों के लिए यह बनकर तैयार हो जाएगी। यहां पर कई ऐसे प्रैक्टिकल इक्विपमेंट लगेंगे जिनका यूज स्टार्टअप सेटअप करने व किसी नए प्रोडक्ट को तैयार करने में किया जा सकता है। अभी तक बीटेक व एमटेक करने के बाद स्टूडेंट खुद की कंपनी स्थापित करते हैं जबकि यहां पर बीएससी व एमएससी करने के बाद स्टूडेंट अपनी कंपनी खोलने के बारे में सोच सकेंगे। ------------ अत्याधुनिक लैब्स के इक्विपमेंट्स आए करीब छह महीने हो चुके हैं। कोरोना के चलते काम पूरा होने में समय लग रहा है लेकिन इसी वर्ष छात्रों के लिए यह बनकर तैयार हो जाएगी। डॉ। अमित श्रीवास्तव, प्रिंसिपल, डीएवी कॉलेज