सड़क पर उतरकर लगाई बचाने की गुहार
कानपुर (ब्यूरो) रोशन अरोड़ा समेत 16 भारतीयों की वतन वापसी को लेकर कानपुर में परिजनों समेत अन्य लोगों ने पैदल मार्च निकाला। नटराज सिनेमा चौराहा से चावला मार्केट चौराहा तक निकाले गए पैदल मार्च में लोगों ने आवाज उठाई कि सरकार को इस मामले में दखल देना चाहिए। मार्च में शामिल लोगों ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द सभी को वतन वापस लेकर आए। पिता मनोज अरोड़ा, बहन कोमल और मां का रो-रोकर बुरा हाल है।
परिजन रो-रोकर बेहालगोविंद नगर निवासी रोशन अरोड़ा ने अपने पिता मनोज को रात करीब 8 बजे 2 वीडियो भेजे। जिसमें रोशन के साथ 16 भारतीय कह रहे हैं कि प्लीज बचा लीजिए, हाथ जोड़ रहे हैं, हमें नहीं पता हम लोग अब फैमिली से कब मिल पाएंगे? नाइजीरियन नेवी हम लोगों को खींचकर यहां से ले जाएगी। मोबाइल भी ले लिए जाएंगे।
शिप खींचकर ले जाएंगे नाइजीरिया
वीडियो में चीफ ऑफिसर सानू जस ने बताया कि नाइजीरियन नेवी अवैध तरीके से पूरी कार्रवाई कर रही है.जो 15 लोग डिटेंशन सेंटर में रखे गए थे, उन्हें शिप में वापस भेज दिया गया है। अब शिप को खींचकर डॉक से नाइजीरिया वाटर्स में ले जाया जाएगा। एक्ट ऑफ पायरेसी के तहत नाइजीरियन नेवी ऐसा नहीं कर सकती है।
सरकार से लगातार लगा रहे गुहार
शिप में मौजूद थर्ड ऑफिसर रोशन अरोड़ा के साथ सभी 16 भारतीय इंडियन फ्लैग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी से बचाने की गुहार लगा रहे हैं। पिता मनोज के मुताबिक सरकार अपने भारतीयों को बचाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं कर सकी है। उन्हें जल्द एक्शन लेना होगा।
गोविंद नगर निवासी रोशन अरोड़ा 3 महीने से साउथ अफ्रीका के गिनी देश में बंधक हैं। उनके साथ देश के 16 अन्य भारतीय हैं। सभी पर कच्चा तेल चोरी करने का आरोप नाइजीरियन नेवी ने लगाया है। शिप के क्रू में कुल 26 सदस्य हैं, इनमें रोशन समेत 16 भारतीय हैं। ये जॉब का उनका पहला शिपमेंट था। टीम में 16 भारतीय, छह श्रीलंका, पोलैंड और फिलीपींस के एक-एक जवान हैं। दो अन्य मर्चेंट नेवी अफसर शामिल हैं। पिता ने बताया कि देहरादून, अंबाला, कर्नाटक के भी लोग वहां फंसे हुए हैं।