भैरोघाट स्थित धोबी घाट में रोज करीब एक हजार कपड़े साफ किए जाते है. 20 हजार लीटर पानी रोजाना कपड़े धोने में खर्च होता है. बाद में इस गंदे पानी को सीधे गंगा में डाल दिया जाता है. स्मार्ट सिटी मिशन में धोबी घाट के पानी को बर्बाद होने की जगह उपयोग में लाने के लिए तीन करोड़ से रीसाइकिल प्लांट लगाया है. यह बनकर तैयार हो गया है.ट्रायल भी हो चुका है.


कानपुर (ब्यूरो)। भैरोघाट स्थित धोबी घाट में रोज करीब एक हजार कपड़े साफ किए जाते है। 20 हजार लीटर पानी रोजाना कपड़े धोने में खर्च होता है। बाद में इस गंदे पानी को सीधे गंगा में डाल दिया जाता है। स्मार्ट सिटी मिशन में धोबी घाट के पानी को बर्बाद होने की जगह उपयोग में लाने के लिए तीन करोड़ से रीसाइकिल प्लांट लगाया है। यह बनकर तैयार हो गया है.ट्रायल भी हो चुका है। बची कमियों को दूर करके प्लांट को जुलाई में चालू कर दिया जाएगा। इससे से हर महीने छह लाख लीटर पानी बर्बाद होने से बच जाएगा साथ ही गंगा भी दूषित नहीं होगी।

तीन करोड़ से
प्लांट शुरू होने से गंगा में जा रहा 20 हजार लीटर दूषित पानी बच जाएगा। प्रोजेक्ट का कार्य पूरा हो गया है। यहां पर करीब 80 धोबी रोज करीब एक हजार कपड़े साफ करते हैं। यह घाट अंग्रेजों के जमाने से बना है। इस प्लांट के चालू होने से दो फायदे होंगे। एक तो पानी की बर्बादी रुकेगी और गंगा भी गंदी नहीं होगी। साथ ही प्रदूषण पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम भी लगाया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन के प्रभारी आरके ङ्क्षसह ने प्लांट तैयार हो गया है। जुलाई में चालू कर दिया जाएगा।

Posted By: Inextlive