48 घंटे में मिलेगी आरसी
- शोरूम से निकलने वाले नए वाहनों की मैनुअल फाइलों के झंझट को खत्म कर डिजिटली डाटा रखेगा आरटीओ
-फाइल डिजिटल होने से व्हीकल के चोरी होने की घंटनाओं पर लगेगी लगाम, आरटीओ कर्मी भी नहीं कर सकेंगे हेरफेर KANPUR (16 Oct): आपने नया व्हीकल लिया है तो अब आपको आरसी के लिए 14 दिनों तक इंतजार नहीं करना होगा। 48 घंटे के अंदर आपको आरसी मिल जाएगी। दरअसल, लोगों को होने वाली परेशानियों को कम करने के उद्देश्य से आरटीओ ने डिजिटल इंडिया कैंपेन की तरफ एक स्टेप और बढ़ा दिया है। इसे लेकर आरटीओ ने कानपुर के सभी व्हीकल्स डीलर्स के साथ बैठक कर उनको इस प्रोजक्ट में कैसे काम करना है। इसकी भी जानकारी दी। फाइल की जगह डििजटली भेजेंअभी यह होता है कि व्हीकल्स डीलर्स दिन भर बिकी बाइक की डिटेल लेकर फाइल तैयार करते हैं इसमें 2 दिन तक लग जाते थे लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आरसी फॉर्म भरकर डिजिटली भेजना होगा। आरटीओ प्रशासन के मुताबिक व्हीकल्स डीलर्स के यहां से आने वाली फाइल्स डिजिटली होने से पब्लिक को भी काफी लाभ मिलेगा।
क्यों लग रहे थे 14 दिन?डीलर्स के यहां से बिक्री के बाद फाइलें तैयार करने में शोरूम में दो से तीन दिन लग जाते हैं। उसके बाद फाइल आरटीओ आती है तो उसके वैरिफिकेशन समेत अन्य कार्रवाई के लिए दो से तीन दिन लग जाते हैं। इस कंडीशन में न्यू व्हीकल खरीदने वाले को व्हीकल की ओरिजनल आरसी मिलने में कम से कम 2 हफ्ते लग जाते हैं।
डिजिटल सिग्नेचर होंगे यूज आरटीओ प्रशासन के मुताबिक पायलट प्रोजक्ट के तहत कानपुर के सभी डीलर्स को डिजिटल सिग्नेचर यूज करने का आदेश दिया गया है। व्यवस्था डिजिटल होने से शोरूम से व्हीकल के डाक्यूमेंट बिक्री होने के दूसरे दिन ही आरटीओ आ जाएंगे। इसमें तत्काल प्रभाव से एक दिन में पूरा काम हो सकेगा। व्हीकल्स ओनर्स के हाथों में लगभग 48 घंटे बाद व्हीकल की ओरिजनल आरसी पहुंच जाएगी। बॉक्स चोरी के व्हीकल्स की बिक्री में अाएगी गिरावट आरटीओ के आफिसर्स के मुताबिक, डिजिटली फाइल हो जाने से उसमें कोई भी बदलाव नहीं हो सकेगा। इससे चोरी के व्हीकल्स की खरीद फरोख्त में अंकुश लग सकेगा। अभी फाइलें मैनुअल होने की वजह से आरटीओ के कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों से मिलीभगत कर फाइलों में हेर-फेर कर देते हैं। जिसकी वजह से चोरी की व्हीकल आसानी से किसी के नाम भी ट्रांसफर हो सकती है। वर्षो पुरानी फाइलें हो जाती थी गुमव्हीकल्स ओनर्स के यहां से आरटीओ भेजी जाने वाली व्हीकल के डाक्यूमेंट मैनुअल होते हैं, जोकि स्टोर रूम में रख दी जाती है। कई साल बीतने पर व्हीकल ओनर को जब व्हीकल का री रजिस्ट्रेशन कराना होता है तो कई बार फाइलें नहीं मिलती है या फिर उसमें आधे अधूरे ही कागज मिलते है। इस कंडीशन में व्हीकल ओनर्स को वैरीफाई करना काफी मुश्किल हो जाता है। नई व्यवस्था के तहत व्हीकल्स की फाइल डिजिटल होने से प िब्लक के साथ आरटीओ की भी काफी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
200 टू व्हीलर वर्तमान में डेली सेल हो रहे 150 फोर व्हीलर भी रोजाना बिक रहे हैं 400 टू व्हीलर नॉर्मल दिनों में डेली बिक्री होते थे 250 के लगभग फोर व्हीलर की सेल नार्मल दिनों में 48 घंटे में अब ओनर्स को आरसी मिल जाया करेगी 7 से 14 दिन तक अभी लगते हैं आरसी मिलने में ''नए वाहनों की फाइलें डिजिटली होने से 48 घंटे में ओरिजनल आरसी मिल जाएगी। इसके साथ ही रीरजिस्ट्रेशन कराने के समय स्टोर रूम से फाइल खोजने की जरूरत नहीं पड़ेगी.'' संजय सिंह, आरटीओ प्रशासन