डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर्चे से लेकर ओटी तक में राम
कानपुर ब्यूरो। अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में राम नाम की गूंज है। अब राम नाम की गूंज सिटी के हॉस्पिटल्स में भी पहुंच गई है। डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर्चे से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक में सिर्फ प्रभु राम का नाम ही सुनाई दे रहा है। हैलट के मेडिसिन डिपार्टमेंट में डॉक्टर प्रिस्क्रिप्शन पर्चे में आरएक्स लिखने के बजाए राम का नाम लिख रहे हैं। इतना ही नहीं, ऑपरेशन से पहले और बाद में पेशेंट्स को राम ध्वनि सुनाई जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा करने से पेशेंट की रिकवरी अच्छी हो रही है।
पेशेंट्स को ये हो रहा फायदा
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरो साइंस डिपार्टमेंट के प्रो। मनीष सिंह ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर, स्पाइन सर्जरी समेत अन्य ऑपरेशन कराने वाले पेशेंट में ऑपरेशन के नाम से ही एंग्जायटी के साथ बीपी अन कंट्रोल की समस्या हो जाती है। लिहाजा उनकी बीपी कंट्रोल व एंग्जायटी को दूर करने के लिए विदेशों में भी म्यूजिक थेरेपी दी जाती है। दवाओं की अपेक्षा म्यूजिक थेरेपी पेशेंट में काफी कारगर होती है। एक सप्ताह से अब राम ध्वनि पेशेंट को सुनाई जा रही है। इसका इफेक्ट पेशेंट में नार्मल म्यूजिक की अपेक्षा अधिक देखने को मिल रहा है। भविष्य में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज दोनों की ध्वनि में रिसर्च करेगा।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। धनंजय चौधरी बताते हैं कि म्यूजिक थेरेपी से पेशेंट के ब्रेन में न्यूरो ट्रांसमीटर अच्छे पैदा होते है। जिस कारण पॉजिटिव केमिकल ब्रेन में निकलते हैं। इससे तरो-ताजगी आती है और मन शांत होता है। उन्होंने बताया कि पेशेंट को ओटी में जाने से पहले, ओटी या फिर ऑपरेशन होने के बाद वार्ड में म्यूजिक थेरेपी देने से पेशेंट में पॉजिटिव सोच आती है। जिसका असर उनकी सेहत में भी देखने को मिलता है। माइनर एंग्जायटी में म्यूजिक थेरेपी काफी कारगर है। वहीं मेजर एंग्जायटी में यह थेरेपी थोड़ी कम कारगर होती है। लिहाजा, ऐसे पेशेंट को मेडिसिन दी जाती है।
वीडियो देखने के बाद आया आइडिया
डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। बीएन आचार्य ने सबसे पहले सिटी में पेशेंट के प्रिस्क्रिप्शन पर्चे में आरएक्स के स्थान पर राम लिखा शुरू किया था। उन्होंने बताया कि लगभग एक माह पहले उन्होंने सोशल मीडिया में एक वीडियो देखा था। जिसमें एक मेडिकल स्टोर संचालक राम का श्लोक बोलने के बाद ही पेशेंट को मेडिसिन देता है। इस वीडियो को देखने के बाद उनके मन में विचार आया कि क्यों न पश्चिम देशों ट्रेंड बदल कर राम लिखा जाए। उन्होंने बताया कि आरएक्स जोकि इजिप्ट के गॉड हॉरेस से संबंधित है। इसका अर्थ होता है कि हम जो मेडिसिन आपको दे रहे हैं। उसको खाने से आप स्वस्थ होंगे।
कार्डियोलॉजी के सीनियर डॉक्टर नीरज कुमार ने हार्ट अटैक के पेशेंट की जान बचाने के लिए राम किट का प्रचार किया। जोकि सात रुपए की है। इसमें विभिन्न मेडिसिन है। जोकि हार्ट अटैक के पेशेंट की जान बचा सकती है। इसके बाद अब डॉ। नीरज कुमार ने अपने प्रिस्क्रिप्शन पर्चे में आरएक्स के स्थान पर राम लिखना शुरु कर दिया है। जिसमें श्रीराम के धनुष की छवि भी दिखाई देती है।
हरे रामा हरे कृष्णा ध्वनि पर रिसर्च
सांस्कृतिक, रीति रिवाज और धार्मिक आयोजनों के समय बोले गए वाक्य और पंक्तियां न सिर्फ सुख, शांति और मन को आनंदित करती हैं, बल्कि दिमाग की एकाग्रता और सक्रियता को बढ़ावा देती हैं। यह बात आईआईटी कानपुर के ह्युमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के विशेषज्ञों ने प्रमाणित की है। उन्होंने इस रिसर्च में दो दर्जन ऐसे यूथ को लिया, जो कभी किसी धार्मिकता में शामिल नहीं रहे। उन्हें दो हफ्ते तक हरे रामा हरे कृष्णा का प्रशिक्षण कराया गया। इसके बाद उनकी जांच हुई तो नतीजे चौंकाने वाले आए। सभी के दिमाग की कार्यक्षमता, सोचने, समझने की गुणवत्ता 95 फीसद या उससे अधिक मिली। रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस की प्रोसेडिंग में शामिल किया गया है।