अपने पसंदीदा पेट्स को पालिए, लेकिन रहिए सावधान क्योंकि पेट्स भी कर रहे हैं बीमार
कानपुर(ब्यूरो)। अगर आपने भी अपने घर में भी कुत्ता, बिल्ली, गाय, बकरी समेत कोई पंक्षी पाल रखा है तो आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि पालतू जानवरों से भी विभिन्न प्रकार के संक्रमण मुनष्य में फैलने का खतरा बना रहता है। जिसको अक्सर लोग इग्नोर कर देते है। जिसका खामियाजा भी उनको व फैमिली के अन्य मेंबर्स को उठाना पड़ता है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट आज आपको बताएगा कि किसी पालतू जानवर से मनुष्य में किसी प्रकार की बीमारी हो सकती है और उससे बचने के उपाय कौन-कौन से है। जिससे पालतू जानवर घर में रखने के बावजूद घर में रहने वाले अन्य लोगों के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की कोई समस्या न हो।
ये था मामला
जाजमऊ में रहने वाले मो। राशिद के घर पर पालतू बिल्ली का जोड़ा है। जोकि उसके साथ ही उसके बेड पर सोती हैं। इसके अलावा दिन में कई घंटे गोद में भी बैठी रहती है। बीते कुछ माह से राशिद को एलर्जी हो गई। उन्हें नाक में खुजली और सर्दी की समस्या रहने लगे। उन्होंने स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाया तो विभिन्न जांच करने के बाद उनके शरीर में एलर्जी होने की बात सामने आई। एलर्जी किस चीज से है उसकी जांच कराई गई तो पता चला कि यह एजर्ली जानवर से होती है। क्योंकि उनके घर पर बिल्ली के अलावा और कोई जानवर नहीं है। राशिद को समझने में देर नहीं लगी कि यह एलर्जी उनको बिल्ली से हुई थी।
रहें अलर्ट क्योंकि
आजकल बहुत से लोग अपने घरों में बिल्ली और कुत्ते पाल रहे हैं, लेकिन उनमें से कई लोगों को मालूम नहीं कि पालतू पशुओं से छूत की बीमारी लगने का भी खतरा होता है। ऐसी बीमारी कैसे पालतू पशुओं से मानव तक पहुंचती है, पशु से मानव तक रोग के संक्रमण का क्या रास्ता है, इस सब के बारे में जानकारी हासिल करने की बड़ी आवश्यकता है। विभिन्न रोगों के मानव तक फैलने के रास्ते अलग-अलग हैं। इनमें से चार प्रमुख मार्ग हैं, श्वास नली, आहारनाल, त्वचा और कीट।
-पक्षियों का निमोनिया श्वास नली के जरिये ही पक्षी से मानव तक फैलता है। किसी भी पक्षी से इस रोग का फैलाव होने की संभावना रहती है। बत्तख और हंस के जरिये तक यह रोग फैल सकता है।
-आहारनाल के जरिये टायफायड रोग फैल सकता है। लोगों को पशुओं के मल से प्रदूषित खाद्य पदार्थ खाने के बाद ज्वर हो सकता है। टायफायड के रोगी को पेट दर्द, दस्त तथा ज्वर की शिकायत होती है। अगर कोई आदमी अक्सर पशुओं को चूमता है, तो उसे इस रोग का खतरा हो सकता है।
-श्लेषमा के जरिये पागल कुत्ते का रोग होने का खतरा होता है। पागल कुत्ते के काटने या बिल्ली के पंजे से चोट लगने के बाद मनुष्य के शरीर में रोग के विषाणु पहुंचते हैं। लोगों को पागल कुत्ते का रोग होनेके बाद बड़े खतरे का मुकाबला करना पड़ता है।
-कीटों से मानव तक फैलने वाला एक गंभीर रोग प्लेग है। प्लेग का विषाणु चूहों के शरीर में रहता है। बिल्ली और कुत्ते के चूहे खाने पर इस रोग का विषाणु उनमें आ जाता है, लेकिन वे चूहे खाने के बावजूद स्वयं बीमार नहीं होते। पर मच्छर या अन्य कीटों के ऐसे बीमार पशुओं को काटने के बाद मनुष्य को काटने पर यह रोग मनुष्य तक पहुंचता है।
अपने पेट को रखें कीटाणुमुक्त
इस तरह हम पाते हैं कि पालतू पशुओं के साथ खेलते समय हमें होशियार रहने की जरूरत है। वास्तव में बहुत से लोग अपने पालतू पशुओं के विभिन्न रोगों से संक्रमित होने को लेकर सतर्क नहीं होते। वास्तव में पशु को सिर्फ नहलाना ही काफी नहीं है। लोगों को अपने पालतू पशुओं को समय-समय पर कीटाणुमुक्त भी करना चाहिए। इसके साथ ही पालतू पशुओं के दड़बे, खाल और शौच जाने की जगह की भी अक्सर सफाई की जानी चाहिये। अगर कोई पालतू पशु आसामान्य दिखता है, तो उसकी पशु अस्पताल में जांच करवानी चाहिये।
- पालतू जानवर को समय से टीका लगवाएं
- एक साल में उसका चेकअप डॉक्टर से जरूर करा लें
- उसके बिहेवियर में बदलाव होने पर डॉक्टर से तत्काल संपर्क करें
- एक साल में उसके ब्लड की जांच जरूर कराए, जिससे संक्रमण की जानकारी हो सके
- बच्चों व बुजुर्गों को जानवर के संपर्क में कम ही आने दे, बिस्तर से उनको दूर रखें