रेलवे ने नाइट जर्नी के रूल्स में किए अहम बदलाव
कानपुर (ब्यूरो) रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रात 10 बजे के बाद कोच में पैसेंजर्स सिर्फ अपनी बर्थ के पास मौजूद पर्सनल रीडिंग लाइट ही जला सकेंगे। पैसेंजर्स इमरजेंसी को छोड़ किसी हालत में रात में कोच की मेन लाइटों को नहीं जला सकेंगे। इसके अलावा मोबाइल में तेज आवाज में बात नहीं कर सकेंगे। पीआरओ के मुताबिक पैसेंजर्स से फीडबैक लेने के बाद रेलवे ने नाइट जर्नी को लेकर बनाए गए नए नियमों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
शिकायतों की बढ़ रही थी संख्या
एनसीआर सीपीआरओ डॉ। शिवम शर्मा ने बताया कि रात में कोच की मेन लाइन जलाकर रखने, मोबाइल में तेज आवाज में गाने सुनने व तेज आवाज में बात करने की वजह से अन्य पैसेंजर्स डिस्टर्ब होते हैं। इसकी शिकायतें आए दिन हो रही थीं। रेलवे कंट्रोल रूम में आने वाली इस तरह की शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी। लिहाजा रेलवे ने एनसीआर समेत देश के सभी रीजन में इस मुद्दे पर पैसेंजर्स का फीडबैक लिया। जिसके बाद समस्या को देखते हुए रेलवे ने नियमों में बदलाव किया है।
बातचीत से मारपीट तक
जीआरपी अधिकारियों के मुताबिक कंट्रोल रूम से आने वाली ऐसी शिकायतों में हमेशा देखा गया है कि मामला बातचीत, नोकझोक के बाद मारपीट तक पहुंच जाता है। जिसकी वजह से कोच में जर्नी करने वाले सभी पैसेंजर्स की नींद हराम हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ने नियमों में बदलाव कर नए नियम लागू किए हैं। जिससे जर्नी के दौरान नाइट में किसी भी पैसेंजर को अन्य पैसेंजर्स की वजह से परेशानी न फेस करनी पड़े।