लंबी लेटलतीफी के बाद आखिरकार रेलवे ने जयपुरिया क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ब्रिज के अपने हिस्से का काम शुरू कर दिया है. हालांकि इसके बावजूद कानपुराइट्स को इस ब्रिज पर सफर करने के लिए कम से कम इस साल तो इंतजार करना ही पड़ेगा. नेक्स्ट ईयर में ही ब्रिज पर गाडिय़ां रफ्तार भर सकेंगी. स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन भी अपने हिस्से पर काम कर रहा है.


कानपुर (ब्यूरो)। लंबी लेटलतीफी के बाद आखिरकार रेलवे ने जयपुरिया क्रॉसिंग पर निर्माणाधीन ब्रिज के अपने हिस्से का काम शुरू कर दिया है। हालांकि इसके बावजूद कानपुराइट्स को इस ब्रिज पर सफर करने के लिए कम से कम इस साल तो इंतजार करना ही पड़ेगा। नेक्स्ट ईयर में ही ब्रिज पर गाडिय़ां रफ्तार भर सकेंगी। स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन भी अपने हिस्से पर काम कर रहा है। 70 परसेंट से अधिक काम हो चुका है। रेलवे का हिस्सा न बनने की वजह से स्टेट ब्रिज कॉर्पोरेशन का भी काम भी लटका हुआ है। उम्मीद है कि अब ब्रिज पूरा होने पर ही काम रुकेगा। डेली गुजरती हजारों गाडिय़ां कैंट स्थित जयपुरिया क्रॉसिंग से हर रोज हजारों की संख्या में बाइक, स्कूटी, कार आदि गाडिय़ां गुजरती हैं। मालरोड, बड़ा चौराहा, घंटाघर साइड रहने लोग कैंट स्थित जयपुरिया क्रॉसिंग होते हुए ही जाजमऊ की ओर आते-जाते हैं। कैंट एरिया में कई बड़े स्कूल भी हैं। जिसकी वजह से भी ट्रैफिक लोड अधिक रहता है। लेकिन क्रॉसिंग से डेली 100 के लगभग पैसेंजर ट्रेनें और मालगाडिय़ां भी गुजरती हैं। इसकी वजह से यह क्रॉसिंग अक्सर बंद रहती है। लोगों में जल्दी गाडिय़ां निकालने की होड़ में जाम लग जाता है। इस जाम में पैरेंट्स के साथ-साथ स्कूल जा रहे और लौट रहे बच्चे भी फंसे रहते हैं। इसी वजह से लगातार क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाए जाने की मांग होती थी. रेलवे को बनाना 36 मीटर ब्रिज जयपुरिया रेलवे क्रॉसिंग पर ब्रिज बनाने के प्रोजेक्ट को रेलवे बोर्ड पास कर चुका है। नवंबर, 2021 में शासन ने स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के हिस्से का प्रोजेक्ट पास कर दिया था। शासन ने आरओबी पास करने साथ ही लगभग 12.50 करोड़ रुपए की पहली किश्त भी जारी कर दी। यह ब्रिज 800 मीटर लंबा और 2 लेन चौड़ा है। इसमें से रेलवे ट्रैक वाले हिस्से यानि 36 मीटर का ब्रिज रेलवे को करीब 15 करोड़ रुपए से बनाना है। ब्रिज का कम्प्लीशन टारगेट जून, 2024 रखा गया है। काम प्रभावित स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन पहले ही ब्रिज बनाने का काम शुरू कर चुका है। कार्पोरेशन के इंजीनियर्स की माने तो 70 परसेंट से अधिक काम हो चुका है। ट्रैक के दोनों साइड रेलवे के पिलर न बनाने के कारण ब्रिज कार्पोरेशन का काम भी प्रभावित है। हालांकि रेलवे ने पिलर बनाने के लिए पहले मैटेरियल मंगवा लिया था। लेकिन काम शुरू नहीं किया था। स्टेट ब्रिज कार्पोरेशन के असिस्टेंट इंजीनियर अरविन्द कुमार सागर ने बताया कि रेलवे के पिलर न बनने से ट्रैक साइड दोनों तरफ का काम नहीं कर पा रहे हैं। अन्य सभी पिलर बन चुके हैं। पियर कैप लगाई जा रही है। ब्रिज का 70 परसेंट काम से अधिक काम हो चुका है. Posted By: Inextlive