मिलते जुलते नाम और दोगुने पैसेंजर्स बैठाकर दौड़ा रहे प्राइवेट बसें
- गुजरात, सूरत की दर्जनों प्राइवेट बसें किराए पर लेकर ओवरलोड पैसेंजर्स के साथ कानपुर से चल रही
- सिटी में सैकड़ों की संख्या में खोल रखे हैं बुकिंग सेंटर, मनचाहा दाम पैसेंजर्स से वसूला जाता हैKANPUR। गुजरात की बसों को किराए पर लेकर कानपुर से अवैध तरीके से जीएसटी की चोरी कर ओवरलोड पैसेंजर्स के साथ प्राइवेट बसें चलाई जा रही हैं। जानकारी थानों को भी है। इसके बावजूद उन पर एक्शन नहीं लिया जाता है। इसका मुख्य कारण प्राइवेट बसों का अदर स्टेट संचालन करने वाले गैंग का पूरा सिंडीकेट है। जो स्थानीय थाने व चौकी में हर सप्ताह अवैध कमाई का एक मोटा हिस्सा पहुंचाते हैं। यह बाते ट्यूज डे को सिटी के बड़े रजिस्टर्ड ट्रैवल्स एजेंसी के मालिकों ने आरटीओ प्रवर्तन के साथ हुई मीटिंग के दौरान कही। उन्होंने आरोप लगाया की बाबूपुरवा, रायपुरवा व फजलगंज थाना क्षेत्र से डेली दर्जनों गुजरात की बसें क्षमता से दोगुने पैसेंजर्स लेकर जाती है। इन पर एक्शन नहीं लिया जाता है।
बायो डीजल से खर्चा आता कमसचेंडी दुर्घटना को लेकर ट्यूजडे को आरटीओ प्रवर्तन की अध्यक्षता में एआरटीओ प्रशासन के रूम में सिटी के बड़े ट्रैवल्स एजेंसियों के ओनर्स के साथ मीटिंग की। मीटिंग के दौरान शताब्दी ट्रैवल्स के ओनर नारायन शर्मा 'बबलू' ने बताया की गुजरात की बसें बायोडीजल से चलती है। जिसमें हमारी बसों की अपेक्षा एक चक्कर का खर्चा लगभग आधा आता है। यहीं कारण है की फर्जी ट्रैवल्स संचालित करने वाले संचालक गुजरात की बसों को 80 से 90 हजार रुपए में बुक कर लेते हैं।
दोगुने पैसेंजर्स और मनचाहा किराया आरटीओ में मीटिंग के दौरान कानपुर कल्पना ट्रैवल्स के ओनर धर्मेंद्र सिंह राठौर ने आरोप लगाते हुए बताया की सिटी के रजिस्टर्ड ट्रेवल्स एजेंसी की बसें सूरत के एक पैसेंजर्स से 1200 रुपए लेते हैं। वहीं अवैध बस संचालक एक पैसेंजर्स से 1800 से लेकर 2 हजार रुपए तक वसूल करते हैं। बॉक्स पांच हजार रुपए डेली चौकी में जातामीटिंग के दौरान रजिस्टर्ड ट्रैवल्स एजेंसी के मालिकों ने आरोप लगाते हुए कहा की झकरकटी बस अड्डे के पास अवैध रूप से दर्जनों ट्रैवेल्स बुकिंग काउंटर दुकानों में खोल रखे है। दुकानों के बाहर बकायदा बोर्ड भी लगा रखा है। यह फर्जी ट्रैवेल्स संचालक स्थानीय चौकी में पांच हजार रुपए प्रतिदिन देते हैं। रोडवेज के चालकों को भी यह गैंग 200 रुपए एक पैसेंजर्स का देते हैं। जिसकी वजह से बलिया व गोरखपुर से आने वाली रोडवेज बसों के चालक निर्धारित गैंग को पैसेंजर्स बेच देता है और रामादेवी व झकरकटी बस अड्डे के बाहर एजेंट को हैंड ओवर कर देता हैं।
क्या बोले ट्रैवल्स एजेंसी ऑपरेटर - कोरोना काल के बाद सिटी में सैकड़ों फर्जी ट्रैवल्स एजेंसियां खुल गई है। जो गुजरात की बसों को हायर कर सिटी से पैसेंजर्स ढो रहे हैं। यह लोग हर माह लाखों रुपए की जीएसटी की चोरी कर सरकार को चपत लगा रहे हैं। चंद्र कुमार गंगवानी, समय शताब्दी - रामादेवी, झकरकटी व फजलगंज से फर्जी तरीके से दर्जनों बसें का संचालन अदर स्टेट हो रहा है। सचेंडी दुर्घटना के बाद भी स्थानीय पुलिस नहीं जाग रही हैं। इससे साफ हो जाता है की उनकी भी इसमें साठ गांठ हैं। धर्मेद्र सिंह राठौर, कल्पना ट्रैवल्स - झकरकटी बस अड्डे व अफीमकोठी के बीच व रामादेवी चौराहे के आसपास यह गैंग डेढ़ साल से सक्रिय है। जो ओवर लोड पैसेंजर्स बैठा कर बसों का संचालन कर रहे हैं। रास्ते के बीच में पैसेंजर्स बैठाने की होड़ में आपस में रेस लगती है। जो दुर्घटना का कारण बनती हैं। नारायन शर्मा, शताब्दी ट्रैवल्स - 60 बर्थ वाली बस में पकड़े गए थे 135 पैसेंजर- 80 से 90 हजार रुपए में गुजरात की बसें कर लेते हैं रिजर्व
- 32 हजार रुपए का बायो डीजल गुजरात की बसों में कानपुर का एक चक्कर लगाने में लगता है - 50 हजार रुपए नार्मल डीजल लगता है कानपुर से संचालित होने वाली रजिस्टर्ड ट्रैवल्स एजेंसियों की बसों में - 1800 से 2000 हजार रुपए अवैध बसों का संचालन करने वाले लेते सूरत जाने वाले एक पैसेंजर से - 1200 रुपए कानपुर से सूरत के लिए लेते आरटीओ में रजिस्टर्ड ट्रैवर्ल्स एजेंसी संचालक - 36 स्लीपर व 30 सिटिंग सीट एक बस में होती है - 60 पैसेंजर्स नियमानुसार बैठने का आदेश बसों में - 135 पैसेंजर्स कानपुर से संचालित होने वाली बसें बैठाती हैं