सेंट्रल गवर्नमेंट के एडवांस पेमेंट के जरिए पॉवर पर्चेस के बावजूद केस्को बकाया बिजली का बिल वसूल नहीं पा रहा है. आम कंज्यूमर्स के साथ ही सरकार विभागों पर भी करोड़ों का बिल बकाया है. पब्लिक को समस्या न हो इसलिए विभागों पर सख्ती भी नहीं हो रही है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए केस्को ने गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में भी स्मार्ट प्रीपेड लगाने की तैयारी की है. यानि बिल वसूली का झंझट ही नहीं. पहले रीचार्ज कराओ फिर बिजली जलाओ. इसके साथ यूपीपीसीएल के जरिए शासन की मदद से संबंधित गवर्नमेंट संबंधित से बकाया बिजली के बिल वसूलने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं.

कानपुर (ब्यूरो) सिटी में गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स के 880 से अधिक इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन हैं। इनमें वाटर वक्र्स, जोनल पम्पिंग स्टेशन आदि के लगभग 330 कनेक्शन(एलएमवी-7 कैटेगरी) हैं। इसी तरह केडीए, नगर निगम, बीएसए , आरटीओ, जीएसवीएम मेडिकल कालेज, पुलिस, पीडब्ल्यूडी आदि गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के ऑफिस आदि के करीब 550 कनेक्शन (एलएलवी-4ए कैटेगरी)हैं। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक इन सभी सेंट्रलाइज और डीसेंट्रलाइज डिपार्टमेंट्स को मिलाकर लगभग 650 करोड़ रुपए बकाया है। काफी कोशिश के बाद भी इस रकम की वसूली नहीं हो पा रही है।

शासन ही एरियर वसूलेगा
केस्को के बकाया वसूलने के लिए वाटर सप्लाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हॉस्पिटल सहित कई कनेक्शन काटने पर ही तुरंत शासन तक मामला गूंजने लगता है। एसेंसियल सर्विसेज और पब्लिक प्रभावित होने आदि वजहों से शासन को भी दखल देना पड़ता है। आखिरकार केस्को को कनेक्शन जोडऩा पड़ता है। अक्सर एरियर की बजाए केवल आश्वासन ही मिलता है।

यूपीपीसीएल को भेजी लिस्ट
इसी वजह से केस्को अब ऐसे बकाएदार डिपार्टमेंट और उन पर बकाया एरियर की धनराशि सहित बिलों की लिस्ट पोर्टल के जरिए यूपीपीसीएल भेजा जा रहा है। जिससे शासन के जरिए बिजली के बिल सहित बकाया एरियर की भी वसूली की जा सके। इससे सेंट्रलाइज डिपार्टमेंट्स पर बकाया की समस्या काफी हद तक हल होने के आसार है। क्योंकि इससे शासन डिपार्टमेंट के बजट से बिजली के बिल के रूप में बकाया धनराशि की कटौती कर यूपीपीसीएल(केस्को) को उपलब्ध कराने लगा है।

पुराने मीटर हटेंगे
इसके अलावा केस्को ने अन्य गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के ऑफिसेज में पुराने मीटर हटाकर प्रीपेड 4जी स्मार्ट मीटर भी लगानी की तैयारी की है। इससे केस्को ऑफिसर्स को बकाए की समस्या भी हल होने के आसार है। हालांकि ये स्मार्ट मीटर केवल 24 किलोवॉट कनेक्शन की क्षमता के हैं। केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक इसीलिए बकाए की समस्या हल करने के लिए प्रीपेड के साथ शासन की भी मदद ली जा रही है। केस्को के डायरेक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली खरीदने के लिए अब एडवांस धनराशि जमा करने पड़ रही है। इसलिए प्रीपेड मीटरिंग को हरस्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से एरियर वसूलने के लिए यूपीपीसीएल की भी मदद ली जा रही है।

करोड़ों का बिल बकाया
डिपार्टमेंट-- एरियर (रु में)
जलनिगम-- 150 करोड़
जलकल डिपार्टमेंट-- 390 करोड़
पुलिस-- 12 करोड़
बीएसए -- 3.50 करोड़
चिकित्सा शिक्षा-- 5.5 करोड़
एलोपैथिक-- 3.5 करोड़
नगर निगम-- 14 करोड़
पीडब्ल्यूडी-- 1 करोड़

बिजली खरीदने के लिए एडवांस धनराशि जमा करने पड़ रही है। इसलिए प्रीपेड मीटरिंग को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से एरियर वसूलने के लिए यूपीपीसीएल की भी मदद ली जा रही है।
संजय श्रीवास्तव, केस्को के डायरेक्टर फ्लैग: गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में लगेंगे प्रीपेड स्मार्ट मीटर
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-शहर में सरकारी विभागों पर बकाया है अरबों रुपए का बिजली का बिल, नहीं हो पा रही वसूली
-समस्या को खत्म करने के लिए केस्को का फैसला, हर विभाग में लगेगा स्मार्ट प्रीपेड मीटर

सेंट्रल गवर्नमेंट के एडवांस पेमेंट के जरिए पॉवर पर्चेस के बावजूद केस्को बकाया बिजली का बिल वसूल नहीं पा रहा है। आम कंज्यूमर्स के साथ ही सरकार विभागों पर भी करोड़ों का बिल बकाया है। पब्लिक को समस्या न हो, इसलिए विभागों पर सख्ती भी नहीं हो रही है। ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए केस्को ने गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स में भी स्मार्ट प्रीपेड लगाने की तैयारी की है। यानि बिल वसूली का झंझट ही नहीं। पहले रीचार्ज कराओ फिर बिजली जलाओ। इसके साथ यूपीपीसीएल के जरिए शासन की मदद से संबंधित गवर्नमेंट संबंधित से बकाया बिजली के बिल वसूलने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं।

650 करोड़ रुपए फंसे
सिटी में गवर्नमेंट डिपार्टमेंट्स के 880 से अधिक इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन हैं। इनमें वाटर वक्र्स, जोनल पम्पिंग स्टेशन आदि के लगभग 330 कनेक्शन(एलएमवी-7 कैटेगरी) हैं। इसी तरह केडीए, नगर निगम, बीएसए , आरटीओ, जीएसवीएम मेडिकल कालेज, पुलिस, पीडब्ल्यूडी आदि गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के ऑफिस आदि के करीब 550 कनेक्शन (एलएलवी-4ए कैटेगरी)हैं। केस्को ऑफिसर्स के मुताबिक इन सभी सेंट्रलाइज और डीसेंट्रलाइज डिपार्टमेंट्स को मिलाकर लगभग 650 करोड़ रुपए बकाया है। काफी कोशिश के बाद भी इस रकम की वसूली नहीं हो पा रही है।

शासन ही एरियर वसूलेगा
केस्को के बकाया वसूलने के लिए वाटर सप्लाई, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, हॉस्पिटल सहित कई कनेक्शन काटने पर ही तुरंत शासन तक मामला गूंजने लगता है। एसेंसियल सर्विसेज और पब्लिक प्रभावित होने आदि वजहों से शासन को भी दखल देना पड़ता है। आखिरकार केस्को को कनेक्शन जोडऩा पड़ता है। अक्सर एरियर की बजाए केवल आश्वासन ही मिलता है।

यूपीपीसीएल को भेजी लिस्ट
इसी वजह से केस्को अब ऐसे बकाएदार डिपार्टमेंट और उन पर बकाया एरियर की धनराशि सहित बिलों की लिस्ट पोर्टल के जरिए यूपीपीसीएल भेजा जा रहा है। जिससे शासन के जरिए बिजली के बिल सहित बकाया एरियर की भी वसूली की जा सके। इससे सेंट्रलाइज डिपार्टमेंट्स पर बकाया की समस्या काफी हद तक हल होने के आसार है। क्योंकि इससे शासन डिपार्टमेंट के बजट से बिजली के बिल के रूप में बकाया धनराशि की कटौती कर यूपीपीसीएल(केस्को) को उपलब्ध कराने लगा है।

पुराने मीटर हटेंगे
इसके अलावा केस्को ने अन्य गवर्नमेंट डिपार्टमेंट के ऑफिसेज में पुराने मीटर हटाकर प्रीपेड 4जी स्मार्ट मीटर भी लगानी की तैयारी की है। इससे केस्को ऑफिसर्स को बकाए की समस्या भी हल होने के आसार है। हालांकि ये स्मार्ट मीटर केवल 24 किलोवॉट कनेक्शन की क्षमता के हैं। केस्को इम्प्लाइज के मुताबिक इसीलिए बकाए की समस्या हल करने के लिए प्रीपेड के साथ शासन की भी मदद ली जा रही है। केस्को के डायरेक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि बिजली खरीदने के लिए अब एडवांस धनराशि जमा करने पड़ रही है। इसलिए प्रीपेड मीटरिंग को हरस्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से एरियर वसूलने के लिए यूपीपीसीएल की भी मदद ली जा रही है।

करोड़ों का बिल बकाया
डिपार्टमेंट-- एरियर (रु में)
जलनिगम-- 150 करोड़
जलकल डिपार्टमेंट-- 390 करोड़
पुलिस-- 12 करोड़
बीएसए -- 3.50 करोड़
चिकित्सा शिक्षा-- 5.5 करोड़
एलोपैथिक-- 3.5 करोड़
नगर निगम-- 14 करोड़
पीडब्ल्यूडी-- 1 करोड़

बिजली खरीदने के लिए एडवांस धनराशि जमा करने पड़ रही है। इसलिए प्रीपेड मीटरिंग को हर स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। गवर्नमेंट डिपार्टमेंट से एरियर वसूलने के लिए यूपीपीसीएल की भी मदद ली जा रही है।
संजय श्रीवास्तव, केस्को के डायरेक्टर

Posted By: Inextlive