इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक तैयार होंगे पॉलीटेक्निक स्टूडेंट
कानपुर(ब्यूरो)। पॉलीटेक्निक करने के बाद स्टूडेंट जब जॉब के लिए इंडस्ट्री पहुंचता तो उसे काफी कुछ वहां की जरूरत के मुताबिक नए सिरे से सीखना पड़ता है। इससे इंडस्ट्री और स्टूडेंट दोनों को परेशानी होती है। इस समस्या को देखते हुए अब इंडस्ट्री की डिमांड के मुताबिक ही पॉलीटेक्निक स्टूडेंट को तैयार किया जाएगा। इसके लिए पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट में न्यू सेशन से 15 कोर्सेस के सिलेबस में बदलाव किया जाएगा। शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान (आईआरडीटी) के स्पेशलिस्ट्स ने कोर्स की लिस्ट तैयार करके चेंजमेंट प्रोसेस स्टार्ट कर दिया है। चेंजमेंट होने वाले कोर्सों में 10 डिप्लोमा और पांच पीजी डिप्लोमा कोर्स हैं।
न्यू सेशन से न्यू सिलेबस
कोर्स में बदलाव के लिए अलग-अलग सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट को अलग-अलग कोर्स की जिम्मेदारी दी गई है। सिलेबस को न्यू एजूकेशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। स्टूडेंट्स के स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान रखा जाना है। आईआरडीटी में जिन 15 कोर्सेस के सिलेबस को चेंज करने को लेकर प्रोसीडिंग चल रही है, न्यू सेशन में उन कोर्स की पढ़ाई न्यू सिलेबस से कराई जाएगी। जुलाई की शुरुआत तक उनमें चेंजमेंट कर लिया जाएगा। उसके बाद टेक्निकल एजुकेशन बोर्ड से अप्रूवल लिया जाएगा। कोर्स चेंजमेंट करने वाले स्पेशलिस्ट्स से हर 15 दिन में रिपोर्ट भी मांगी जा रही है।
आईआरडीटी के स्पेशलिस्ट्स द्वारा अलग-अलग इंडस्ट्रीज में जाकर वहां यूज में आने वाली न्यू टेक्नोलॉजी और मशीनरी आदि को देखा गया। उसके बाद पॉलिटेक्निक में चल रहे कोर्स के सिलेबस में उस कंटेंट को देखा गया जो इंडस्ट्री में यूज नहीं हो रहा है। डिपार्टमेंटल मीटिंग के बाद फिक्स हुआ कि अनयूज्ड कंटेंट को रिमूव करके न्यू कंटेंट जोड़ा जाएगा। न्यू कंटेंट को जोडऩे के लिए इंडस्ट्री के स्पेशलिस्ट से भी हेल्प ली गई है। उनसे पूछा गया है कि उनको अपनी इंडस्ट्री में काम करने के लिए किस तरह के प्रोफेशनल्स चाहिए। हर कोर्स में जुड़ेगा यह कंटेंट
सिलेबस को चेंज करते समय कुछ ऐसे कंटेंट को सिलेक्ट किया गया है जिसको हर कोर्स में जोड़ा जाएगा। स्टार्टअप अवेयरनेस, एंटरप्रेन्योरशिप स्किल, बेसिक कंप्यूटर नॉलेज, रिज्यूम मेकिंग, इंग्लिश स्पीकिंग, इंटरव्यू प्रैक्टिस समेत कई ऐसे कंटेंट है जिनको हर कोर्स में जोड़ा जाना है। इसके अलावा कोर्स में थ्योरी पार्ट को कम करके प्रैक्टिकल पार्ट को बढ़ाया जाएगा।
इन कोर्सों का बदलेगा सिलेबस
डिप्लोमा कोर्स (दो, तीन और चार साल) - टूल एंड मॉल्ड मेकिंग, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, फूड टेक्नोलॉजी, पेपर एंड पल्प टेक्नोलॉजी, कारपेट टेक्नोलॉजी, माइनिंग इंजीनियरिंग, मॉडर्न ऑफिस मैनेजमेंट एंड सेकेट्रियल प्रैक्टिस, होम साइंस और लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस।
स्टूडेंट्स को एकेडमिक नॉलेज देने के साथ-साथ एंप्लॉयमेंट के लिए तैयार करना भी हमारी जिम्मेदारी है। इस बार 15 कोर्सेस को सिलेबस में चेंजमेंट के लिए चुना गया है। कोर्स के चेंजमेंट में लगे स्पेशलिस्ट को निर्देश दिए गए हैं।
के राम, डायरेक्टर आईआरडीटी