कानपुर स्मार्ट सिटी के तहत 50 जगहों पर पॉल्यूशन सेंसर लगाए गए थे ताकि सिटी का पॉल्यूशन लेवल जाना जा सके लेकिन इन सेंसर को अपग्र्रेड करने के नाम पर हटा दिया गया 6 महीना बीतने के बाद भी अब तक दोबारा सेंसर नहीं लगाए गए. जिससे अब सिटी के पॉल्यूशन का रिकार्ड दर्ज ही नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अधिकारियों के लिए मजे की बात है कि सेंसर्स हटने से पॉल्यूशन के बढऩे की टेंशन भी घट गई है. अब स्मार्ट सिटी के लगाए हुए सेंसर से पॉल्यूशन लेवल ही दर्ज नहीं हो रहा है.

कानपुर (ब्यूरो) स्मार्ट सिटी के तहत इंटीग्रेटेड कॉमन कमांड सेंटर (आईसीसीसी) का निर्माण टेक महिंद्रा ने किया। पिछले कई दिनों से अधिकतर सेंसर काम नहीं कर रहे। हालांकि स्मार्ट सिटी कई बार इस संबंध में नोटिस भी दे चुका है। अधिकारियों का दावा है कि पॉल्यूशन सेंसर सिस्टम को आईआईटी के साथ मिलकर अपडेट किया जा रहा है। ताकि पहले के मुकाबले बेहतर तरीके से पॉल्यूशन लेवल अपडेट हो सके।

पॉल्यूशन का रिकार्ड नहीं
स्मार्ट सिटी एप व ऑफिसयली वेबसाइट पर में भी पॉल्यूशन का ग्राफ शो होता था, लेकिन पिछले काफी समय से इसका कोई रिकार्ड सामने नहीं आ रहा है। इतना ही नहीं, वो आप्शन भी हटा दिया गया है, जहां से सिटी के एरिया वाइज पॉल्यूशन का लेवल पता चल जाता था।

पॉल्यूशन होता था कंट्रोल
पॉल्यूशन सेंसर का डाटा कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में मॉनीटर किया जाता था, जिस एरिया में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 250 के ऊपर पहुंचता था, वहां पॉल्यूशन कम करने के लिए पानी का छिड़काव, सड़कों की सफाई समेत अन्य काम किए जाते थे, इससे पॉल्यूशन कंट्रोल हो जाता था, लेकिन पूरी व्यवस्था धूमिल हो गई है। जिससे जगह-जगह धूल से पॉल्यूशन होना आम हो गया है।

16 परसेंट डस्ट पॉल्यूशन
आंकड़े बताते हैं कि सिटी में डस्ट पॉल्यूशन टोटल पॉल्यूशन का लगभग 16 परसेंट है। सड़कों पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं।

लगाने में 12 लाख रुपए का खर्च
नगर निगम ने पॉल्यूशन से निपटने के लिए प्रदेश का पहला पॉल्यूशन सोखने के लिए ब्रह्मनगर चौराहा पर अर्बन ट्री लगाया था, एक घंटे में छह हजार क्यूबिक मीटर हवा को प्यूरीफाई करता है। इसे लगाने में 12 लाख रुपए का खर्च आया। अब सिर्फ सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सहारे ही पॉल्यूशन मापा जा रहा है।

इन जगहों पर लगे पॉल्यूशन सेंसर
भैरोघाट चौराहा, कोयला नगर, मरियमपुर चौराहा, मोतीझील, गुमटी नंबर-5 चौराहा, जरीबचौकी, अफीमकोठी चौराहा, आईआईटी गेट तिराहा, रावतपुर तिराहा, नौबस्ता, ग्रीनपार्क चौराहा, गोल चौराहा, सिंहपुर मोड़, नरौना चौराहा, गुरुदेव पैलेस समेत अन्य जगहों पर पॉल्यूशन सेंसर लगाया गया है।

यह भी जाने
50 जगहों पर लगाए गए पॉल्यूशन सेंसर
70 परसेंट से अधिक सेंसर चौराहों से गायब
16 परसेंट डस्ट पॉल्यूशन
6 हजार क्यूबिक मीटर हवा को प्यूरीफाई
250 के ऊपर एक्यूआई पहुंचने पर होता था हल

पॉल्यूशन का मानक स्तर (पीएम2.5)
50 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक- एयरक्वालिटी गुड
100 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक- एयर क्वालिटी सेटिस्फैक्टरी
200 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक- मॉडरेट
300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक- पुअर
400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक- वेरी पुअर
400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा-सीवियर

सीपीसीबी के आंकड़े
आईआईटी---------- 108 (2.5 पीएम)
कल्याणपुर (एनएसआई) 45 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
- किदवईनगर- 53 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

यूपीपीसीबी के आंकड़े (पीएम10 का स्तर)
जरीब चौकी-106.62माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
पनकी साइट-1-105.97 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
शास्त्रीनगर- 111.72 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
दादानगर- 180.20 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
आवास विकास कल्याणपुर 99.54 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
आईआईटी कैंपस-115 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर
रामादेवी- 180.00 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर

कोट
'पॉल्यूशन पर कंट्रोल पाने के लिए चौराहे पर लगे पॉल्यूशन सेंसर को आईआईटी के साथ मिलकर अपडेट किया जा रहा है, ताकि इसका रिजल्ट बेहतर हो सके, अभी तक क्योंं अपडेट नहीं हुआ है, इसकी जानकारी ली जाएगीÓ
राहुल सब्बरवाल, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्मार्ट सिटी कानपुर

Posted By: Inextlive