पुलिस की सुस्ती, सड़कों पर ट्रैफिक
- संडे को लॉकडाउन के दूसरे दिन शहर की सड़कों पर नहीं दिखी पुलिस, खुलेआम तोड़े गए नियम
- सैटरडे को ज्यादा रोक-टोक न होने के कारण संडे को ज्यादा संख्या में बाहर निकले लोग kanpur : वीकेंड लॉकडाउन का दूसरा दिन शहर में मिला जुला असर दिखाई दिया। कोई वजह से तो कोई बेवजह सड़क पर निकला। सिटी में कहीं कोरोना की दहशत दिखी तो कहीं बेफिक्र होकर डॉगी टहलाते भी लोग देखे गए। अधिकारियों के दावे को थानेदारों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसकी वजह से काफी लोग बेवजह ही घूमते रहे। सैटरडे को पुलिस ने ज्यादा रोक-टोक नहीं की थी जिसका फायदा उठाते हुए संड को ज्यादा लोग सड़कों पर देखे गए। दौड़ती रहीं बसें18 घंटे गुलजार रहने वाला इस चौराहे पर कहीं भी पुलिस कर्मी की तैनाती नहीं दिखी। लोगों का आना जाना जारी था। ग्रीन पार्क की तरफ भी वाहन जा रहे थे और घंटाघर की तरफ भी। पड़ोस में बनी पुलिस चौकी में कुंडी लगी थी। जरीब चौकी चौराहे पर सड़क के किनारे एक बाइक पर पीआरडी का जवान तो चंद कदम की दूरी पर खड़ी दूसरी बाइक पर ट्रैफिक कर्मी बैठा दिखा। फजलगंज की तरफ से हैवी ट्रैफिक आते दिखा। जिसमें लोकल कनवेंस भी था। झकरकटी से जाने वाली रोडवेज बसें, आगरा और झांसी की तरफ जाने वाली छोटी गाडि़यों की संख्या भी इस चौराहे पर दिखाई दीं। कोकाकोला चौराहे की तरफ जाने वाले दो पहिया वाहनों पर भी बड़ी संख्या में लोग दिखाई दिए।
डॉगी को टहलाते दिखे लोग फजलगंज चौराहे के एक तरफ प्राइवेट बसों में सवारियां भरी जाती दिखाई दीं तो दूसरी तरफ रोडवेज बस में। यहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग देखेने को मिली और न ही कई लोग मास्क लगाए थे। जबकि इस चौराहे से चंद कदम की दूरी पर फजलगंज थाना है। बाइक पर डॉगी टहलाने निकले लोगों को भी नहीं राेका गया। पीआरडी जवानों के हवाले शहर की आधे से ज्यादा पुलिस इलेक्शन में गई है। बची पुलिस की लॉकडाउन में ड्यूटी लगाई गई है। इसके बाद थानों में न तो सिपाही मौजूद हैं और न ही होमगार्ड। लिहाजा शहर की यातायात और कानून व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी अप्रशिक्षित पीआरडी जवानों को दे दी गई। नहीं आईं हरी सब्जियांआस पड़ोस के रूरल एरिया से हरी सब्जी बेचने वाले भी लॉकडाउन की वजह से दो दिन से नहीं आ रहे हैं। जबकि सब्जी मंडियों में कुछ दुकानें खुली दिखीं। सब्जियों की कमी की वजह से दुकानदारों ने मनमानी कीमत वसूली। वहीं ग्रामीण इलाकों से दूध देने आने वालों ने भी कफ्र्यू की वजह से छुट्टी मना ली, जिसकी वजह से शहर में दूध की कमी हो गई। पैकेट बंद दूध से लोगों ने काम चलाया लेकिन 11 बजते बजते ये दूध भी पूरी तरह से बाजार से गायब हो गया।