पावर के साथ पुलिस की जिम्मेदारी भी बढ़ी
-पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने फेसबुक के माध्यम से पुलिसकर्मियों के लिए जारी किया संदेश
-बढ़ी पॉवर का गलत इस्तेमाल न करने की दी चेतावनी, बढ़े हुए संसाधनों का करना होगा बेहतर यूज KANPUR : कमिश्नरेट व्यवस्था को लेकर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने थर्सडे को फेसबुक के माध्यम से एक वीडियो संदेश पुलिसकर्मियों के लिए जारी किया। उन्होंने इस संदेश के जरिए कमिश्नरेट व्यवस्था समझाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस की शक्तियां बढ़ी है इसका यह मतलब नहीं कि उसका गलत इस्तेमाल किया जाए। इन शक्तियों का ज्यादा से ज्यादा फायदा पब्लिक को मिलना चाहिए। पहले से ज्यादा सतर्ककमिश्नर ने बताया कि कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने से पुलिस चुनौतीपूर्ण परिस्थतियों में खुद निर्णय ले सकेगी। संसाधन बढ़ेंगे और फोर्स भी मिलेगी। अब जरूरत है कि ऐसी प्लानिंग की जाए जिससे संसाधन बर्बाद न हों। पुलिस अधिकारियों को और ज्यादा सतर्क रहना होगा। फायदे या नुकसान के लिए किसी कार्रवाई को अंजाम न दिया जाए। ऐसे काम हो कि हर एक को अच्छा लगे।
सीआरपीसी के तहत मिली ज्यादा पॉवरसीपी ने पुलिस कमिश्नरेट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें पुलिसवालों को सीआरपीसी के तहत अधिक शक्तियां मिली हैं। पुलिस का काम पहले से ज्यादा बढ़ गया है। पीपुल ओरियेंटेड पुलिसिंग करके ही पुलिसकर्मी अपने काम का अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। कमिश्नर ने अपने संदेश में कहा है कि वह चाहते थे कि सबके साथ मिलकर कमिश्नरेट प्रणाली के बारे में जानकारी दें मगर ये सम्भव नहीं है। इस वजह से वीडियो मैसेज के जरिए संदेश दे रहे हैं।
नोटिस देकर कर सकते पाबंद कमिश्नर ने अपने संदेश में कहा कि जो नए अधिकार मिले हैं उसका होशियारी से प्रयोग करना होगा। किसी भी कार्रवाई को सिर्फ संख्या बढ़ाने या बदले की भावना से न किया जाए, क्योंकि इससे पुलिस की छवि को ही धक्का लगेगा। सीआरपीसी के अधिकारों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मसलन कोई पति अपनी पत्नी को पीट रहा है तो अब तक पुलिस समझौता कराती थी या एफआईआर दर्ज करती थी। मगर अब पुलिस ऐसे मामलों में पति को नोटिस जारी करके पाबंद कर सकती है। पहले सुनवाई फिर फैसलाकमिश्नर ने कहा कि इसी तरह से 133 सीआरपीसी में कोई जनरेटर सड़क पर रखता है या फिर फैक्ट्री चलाता है जिससे बगल में रहने वाले लोगों को समस्या होती है। उन मामलों में अब तक पुलिस के पास सामान जब्त करने और गिरफ्तारी की शक्तियां थीं। लेकिन, अब एक छोटी शक्ति और मिली है। 133 सीआरपीसी के तहत उन्हें नोटिस दिया जाएगा। उनकी सुनवाई होगी और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा।