करौली सरकार आश्रम में नोयडा के डॉक्टर सिद्धार्थ से मारपीट मामले में बुधवार शाम पुलिस आश्रम पहुंची. करीब दो घंटे तक तलाशी के साथ बाबा संतोष सिंह भदौरिया से 30 मिनट तक पूछताछ की और बयान दर्ज किए. इस दौरान बाबा से पुलिस ने 5 सवाल किए. पूछा कि आखिर आश्रम में मारपीट क्यों हुई? जवाब में बाबा ने कहा- हमारे यहां अनटच बिना छुए इलाज होता है. ऐसे में मुझे मारपीट के बारे में पता नहीं है. पुलिस ने बाबा के साथ ही आश्रम के सेवादारों के बयान भी रिकॉर्ड किए हैं. पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने जल्द से जल्द पूरे मामले की जांच पूरी करने का आदेश दिया है.

कानपुर (ब्यूरो) मामले की जांच कर रहे बिधनू थाने के दरोगा अरविंद सिंह बुधवार देर शाम फोर्स के साथ आश्रम पहुंचे। उन्होंने आश्रम के सर्विलांस कंट्रोल रूम की जांच की और वारदात वाले दिन(22 फरवरी) का फुटेज मांगा। कंट्रोल रूम प्रभारी ने कहा कि उनके पास महज 15 दिन का बैकअप रहता है। बता दें कि नोएडा निवासी डॉ। सिद्धार्थ चौधरी ने 19 मार्च को संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ बिधनू थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप है कि वह अपने माता-पिता और पत्नी के साथ 22 फरवरी को आश्रम आए थे, बाबा से कुछ चमत्कार दिखाने की बात कहते हुए चैलेंज किया। बाबा को ये बात इतनी नागवार गुजरी कि अपने गुंडों से हमला करवा दिया। इसके बाद धक्के देकर आश्रम से बाहर निकाल दिया गया। पुलिस मामले के वादी डॉक्टर को भी कानपुर बुलाएगी।

पुलिस के सवाल और बाबा के जवाब
सवाल : 22 फरवरी को डॉ। सिद्धार्थ चौधरी आए थे तो क्या हुआ था?
जवाब : मैं तो आश्रम में अपने केबिन में बैठा था। बातचीत करने के दौरान उन्होंने चमत्कार दिखाने को कहा तो मैंने मना कर दिया कि यहां कोई चमत्कार नहीं दिखाया जाता है। इसके बाद वह मुझे धन्यवाद बोलकर चले गए थे।
सवाल : आश्रम में मारपीट क्यों हुई थी?
जवाब : मुझे मारपीट के संबंध में कोई जानकारी नहीं है।
सवाल : आप एक वीडियो में डॉक्टर सिद्धार्थ को साले पागल को हटाओ यहां से, कहते दिख रहे हैं? इसके बाद आपके सेवादारों ने डॉक्टर पर हमला कर दिया।
जवाब : अगर मेरे ऊपर कोई हमला करने या अपशब्द कहने का प्रयास करता है, तो यहां के सेवादार उसे बाहर निकाल देते हैं।
सवाल : इस पूरे मामले को लेकर आपका क्या कहना है?
जवाब : पुलिस ने बगैर जांच-पड़ताल किए मेरे नाम एफआईआर दर्ज कर दी है। किसी भी वीडियो फुटेज में मैं डॉ। सिद्धार्थ के साथ मारपीट, अभद्रता या धक्का-मुक्की करते नहीं दिखा हूं।
सवाल : डॉ। सिद्धार्थ से आप किसी तरह से पूर्व परिचित हैं?
जवाब : नहीं मैं डॉ। सिद्धार्थ और उनके परिवार को किसी भी तरह से नहीं जानता हूं।
तीन वीडियो बने अहम साक्ष्य
जांच के दौरान पुलिस को तीन वीडियो फुटेज मिले हैं। पहला वीडियो जिसमें बाबा और डॉक्टर सिद्धार्थ की बातचीत। इसमें आश्रम में चमत्कार दिखाने की बात हो रही है। दूसरा वीडियो, आश्रम के अंदर बाबा माइक पर कहते दिख रहे कि यहां से हटाओ पागल को। इसके बाद बाबा के सेवादारों ने डॉक्टर से मारपीट शुरू कर दी और धक्का मारकर बाहर निकाल दिया था। तीसरा वीडियो, डॉक्टर के सिर पर गंभीर चोट का है।
भक्त बनकर खुफिया निगरानी
करौली सरकार आश्रम चर्चा में आने के बाद एलआईयू यानी लोकल इंटेलिजेंस यूनिट भी अपने स्तर से जांच कर रही हैं। एलआईयू के कई अफसर सिविल ड्रेस में भक्तों की तरह आश्रम पहुंचकर हर एक्टिविटी पर नजर रख रहे हैं। पूजा पाठ करने के साथ ही आसपास के गांव से बाबा की शोहरत के बारे में पता लगाया। एलआईयू से भी पुलिस कमिश्नर और शासन ने पूरे मामले को लेकर अपनी रिपोर्ट मांगी है।

बाबा ने परिवार को आश्रम से हटाया
एफआईआर दर्ज होने के बाद आश्रम में लगातार पुलिस और मीडियाकर्मी आ जा रहे हैं। बाबा और उनके सेवादारों के साथ ही परिवार में भी दहशत है। इसके चलते बुधवार शाम को बाबा ने परिवार के सभी सदस्यों को आश्रम से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। गांव के लोगों ने बताया कि बाबा का परिवार वैसे तो आश्रम के अंदर से ही गाड़ी से बाहर निकलता था, लेकिन बुधवार रात को ऐसा मौका था जब बाबा के परिवार के सदस्य करीब आधा किमी। तक गांव में पैदल आए। आश्रम से काफी दूर आने के बाद अपनी गाड़ी में बैठकर रवाना हुए।

पर्याप्त साक्ष्य, दाखिल हो सकती है चार्जशीट
कानून के जानकारों के मुताबिक, बाबा संतोष सिंह के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं। एफआईआर में धारा-323 (मारपीट करना), धारा-504 (जान से मारने की धमकी देना) और धारा-325 (अंगभंग करना) की धारा में दर्ज है। बाबा संतोष सिंह भदौरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने उनका पुराना इतिहास भी खंगालना शुरू कर दिया है। बाबा ने खुद बताया है कि उनके खिलाफ एनएसए लगा था, हालांकि बाद में उसे हटा दिया गया। पुलिस यह पता कर रही है कि पिछली एफआईआर किस आधार पर दर्ज हुई थी और उसे किस आधार पर खत्म किया गया था।

Posted By: Inextlive