साइबर क्रिमिनल्स पर शिकंजे के लिए पुलिस का नया प्लान
कानपुर (ब्यूरो) साइबर सारथियों कों ठगी की घटनाओं में वर्कआउट के लिए स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है जिससे वो जल्द से जल्द एक्शन में आ सकें। ये साइबर सारथी न सिर्फ आपके साथ हुई साइबर क्राइम की शिकायत को सुनेगा बल्कि ठगों के खाते में गई आपकी रकम भी फ्रीज करा देगा। इसके बाद का काम साइबर सेल का होगा, जो कम समय में आपकी रकम को वापस आपके खाते में पहुंचाएगी।
लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम के मामले
शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति हो,जिसे साइबर क्राइम की जानकारी न हो। पुलिस रिकॉर्ड के मुुताबिक प्रतिदिन साइबर ठगी के पांच केस दर्ज किए जा रहे हैैं। साइबर शातिर चंद दिनों में ठगी का तरीका बदल देते हैैं, जिससे साधारण व्यक्ति इनकी चाल को नहीं समझ पाता है और शातिरों की बात में आकर उनके जाल में फंस जाता है। कुछ दिनों से शातिरों ने दो तरीके ईजाद किए हैं। पहला आपको कॉल करने के बाद आपके बैैंक खाते की केवाईसी कराने को कहेंगे, साथ ही ये भी कहेंगे कि आप केवाईसी कराने के बाद नंबर दे दें। दूसरा ये आम लोगों के खाते में रुपये डालकर उसे लालच देते हैैं और खाते की जानकारी लेकर रुपये उड़ा देते हैैं।
मंगलवार को भी दो वारदात
1: सूझबूझ से बच गई मेहनत की कमाई
श्याम नगर निवासी शशांक बाजपेई की बेटी तान्या मुंबई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती हैं। तान्या के मोबाइल पर 6371591056 नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि आपके पापा से मैंने 70 हजार रुपये लिए हैैं। मुझे आपके खाते में 10 हजार रुपये डालने हैैं, रुपये आने पर इसी नंबर पर कॉल कर जानकारी दे दीजिएगा। पहले से अलर्ट तान्या ने पिता से जानकारी ली तो सारा मामला समझ में आ गया। नंबर ब्लॉक करने के बाद इसकी जानकारी साइबर सेल को दी गई। जानकारी करने पर पता चला कि नंबर किसी अनिल कुमार शर्मा निवासी दिल्ली के नाम पर है।
2: केवाईसी के बहाने उड़ा दिए 14,600
इन दिनों केवाईसी के नाम पर बैैंक से आने वाले ठगी के मैसेज और कॉल्स से सावधान रहिए। ये आपके खाते को खाली कर सकते हैैं। मंगलवार को ऐसे ही ठगों के जाल में फंस गए विनय कुमार शर्मा। विनय का क्राकरी का काम है। पीडि़त ने पुलिस को बताया कि कई दिन से उनके फोन पर कॉल और मैसेज आ रहे थे कि बैैंक से केवाईसी कराने के बाद नंबर दे दीजिए। विनय के मुताबिक उन्होंने फोन पर जानकारी दी, उसके बाद कॉल करने वाले ने कुछ और जानकारी ली। देखते ही देखते उनके बैैंक अकाउंट से 14600 रुपये निकल गए।
जब जब ठगी होती है, तब साइबर एक्सपट्र्स कुछ न कुछ राय जरूर देते हैैं, वो अलग बात है कि आम आदमी उसे याद नहीं रखता है। लिहाजा सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि बैैंक कोई भी काम ऑन कॉल नहीं करता है, लिहाजा कोई कॉल आए तो सावधान रहें। आपको कोई जानकारी नहीं देनी है। दूसरी बात कोई भी व्यक्ति किसी के खाते में बिना किसी मतलब के रुपये नहीं डालता है। अगर कोई आपको लालच दे तो सावधान रहें। साइबर क्राइम प्रभारी निरीक्षक हरमीत सिंह ने बताया कि अगर वारदात होती है तो सबसे पहले जानकारी साइबर सारथी को दें। इसके बाद संबंधित थाने या साइबर सेल में दें। सभी थाने और चौकियों में साइबर सारथी की तैनाती कर दी गई है, अगर किसी के साथ साइबर क्राइम की घटना हो तो कम समय में पुलिस को सूचना दें, जिससे आपकी रकम सुरक्षित की जा सके।
हरमीत सिंह, प्रभारी निरीक्षक साइबर सेल
ठगी से बचना है तो रखें ध्यान
-बैंक एकाउंट, आधार, पैन आदि की जानकारी किसी को न दें
-फोन पर आने वाली इस तरह की कॉल को एंटरटेन न करें
-वाट््सएप या मैसेज पर आए अंजान लिंग पर क्लिक न करें
-किसी भी लॉटरी, ईनाम, लकी ड्रॉ के झांसे में कतई न आएं
- समय समय पर अपने ट्रांजेक्शन संबंधित पासवर्ड बदलते रहें
- स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं, बर्थडे, ईयर या सर नेम को पासवर्ड न बनाएं
-आपकी सहमति के बिना ट्रांजेक्शन पर तुरंत शिकायज दर्ज कराएं