प्लाज्मा डोनेशन कर बचा रहे दूसरों की जान
-कोरोना पेशेंट्स के ट्रीटमेंट में काफी कारगर है प्लाज्माथेरेपी, सिटी में अभी भी प्लाज्मा डोनेशन की रफ्तार कम, धीरे धीरे बढ़ रही अवेयरनेस
-मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में अभी तक 50 से ज्यादा ने किया प्लाज्मा डोनेशन, पुलिसकर्मियों से लेकर विधायक और डॉक्टर्स भी शामिलKANPUR : कोरोना पेशेंट्स की जान बचाने में प्लाज्माथेरेपी अब बड़ी भूमिका निभा रही है। कानपुर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा डोनेशन से लेकर कोविड पेशेंट्स को प्लाज्मा थेरेपी देने का काम हो रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार अभी बेहद धीमी है। सिटी में अब तक 9 हजार से ज्यादा कोविड पेशेंट्स रिकवर हो चुके है, लेकिन प्लाज्मा डोनेट करने वालों की संख्या अब 50 तक पहुंच पाई है। हांलाकि धीरे धीरे कोविड पेशेंट्स में इसे लेकर अवेयरनेस भी बढ़ रही है जिसकी वजह से रिकवर होने के बाद लोग ब्लड बैंक पहुंच कर अपना प्लाज्मा डोनेट कर रहे हैं।
कोरोना पेशेंट से वारियर तक
प्लाज्मा डोनेट करने के साथ ही ये लोग दूसरे रिकवर हो चुके कोरोना पेशेंट्स को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह लोग कानपुर में कोरोना हीरोज भी हैं जोकि कोरोना को हराने के बाद अब दूसरों की इससे लड़ने में मदद कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक के सीनियर मेडिकल आफिसर डॉ.मनीष यादव के मुताबिक पहले के मुकाबले अब ज्यादा लोग प्लाज्मा डोनेशन के लिए आगे आ रहे हैं। कुछ दिनों में डोनेशन और बढ़ने की उम्मीद है।
----- दूसरी बार डोनेट किया प्लाज्मा- फोटो सतीश साहू फीलखाना थाने के एसएचओ डेढ़ महीने पहले कोरोना की चपेट में आए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। ड्यूटी के दौरान ही वह कोरोना संक्रमित हुए थे। हांलाकि इलाज के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो गए और अब तक दो बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं। ट्यूजडे को भी वह मेडिकल कालेज ब्लड बैंक पहुंचे और प्लाज्मा डोनेशन दिया। इस प्लाज्मा को न्यूरो साइंस सेंटर में भर्ती एक कोविड पेशेंट को चढ़ाया जाएगा। अब दूसरों की बचाएंगे जान- फोटो अभिजीत िसंह सांगाबिठूर से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा जुलाई में कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। एसिम्टोमेटिक होने की वजह से उनकी रिकवरी भी बेहद तेजी से हुई। इस बीच उन्हें मेडिकल कॉलेज में प्लाज्माथेरेपी के लिए प्लाज्मा डोनेशन के बारे में पता चला तो उन्होंने भी अपना प्लाज्मा डोनेट करने में देरी नहीं की। ट्यूजडे को मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक पहुंच कर प्लाज्मा डोनेट किया। इस दौरान उन्होंने अपील भी करी कि कोरोना को मात देने वाले लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए आगे आएं
रिकवर होने के बाद पहला काम प्लाज्मा डोनेशन- पीयूष यादव फोटो बैंक ऑफ बड़ौदा में मैनेजर पीयूष यादव भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, लेकिन बेहद माइल्ड सिम्टम्स होने की वजह से वह जल्द ठीक हो गए। इस बीच उनका क्वारंटीन का पीडियड पूरा हुआ तो उन्होंने ब्लड बैंक के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉ.मनीष यादव से संपर्क किया। एंटीबॉडी बनने को लेकर जब वह संतुष्ट हुए तो वह फौरन अपना प्लाज्मा डोनेट करने के लिए ब्लड बैंक पहुंचे। उनका डोनेट किया हुआ प्लाज्मा एक पेशेंट को चढ़ाया भी किया जिसकी हालत अब पहले से बेहतर है। ----- ट्रीटमेंट भी किया और डोनेट भी किया- फोटो डॉ.बृजेश यादव जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया विभाग में तैनात नॉन पीजी जेआर डॉ.बृजेश ड्यूटी के दौरान ही वायरस की चपेट में आ गए। उनका इलाज हुआ और वह जल्द ठीक भी हो गए और ड्यूटी ज्वाइन कर ली। इस बीच इस कोरोना वॉरियर ने प्लाज्माथेरेपी की उपयोगिता को समझा और ब्लड बैंक में अपना प्लाज्मा डोनेट किया। ------------- वर्जन-कई पुलिसकर्मियों ने प्लाज्मा डोनेट किया है। कुछ डॉक्टर्स भी रिकवरी के बाद प्लाज्मा डोनेट करने आए हैं। धीरे धीरे प्लाज्मा डोनेशन करने वालों की संख्या बढ़ रही है। आने वाले दिनों में लोग इसे लेकर और अवेयरनेस होंगे।
- प्रो। लुबना खान, प्रभारी जीएसवीएम मेडिकल कालेज ब्लड बैंक