बीमारी बढ़ी तो कम पड़ने लगी प्लेटलेट
- लगातार बढ़ते बुखार और डेंगू जैसे लक्षणों वाले पेशेंट्स की वजह से प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड
-ब्लड बैंकों पर दिखा असर, रेंडम डोनर प्लेटलेट के साथ सिंगल डोनर प्लेटलेट भी चढ़वा रहे डॉक्टर >KANPUR@inext.co.in KANPUR: मच्छरों के प्रकोप से होने वाली बीमारियों के साथ वायरल फीवर, डायरिया के पेशेंट्स शहर में तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में भी मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। काफी मरीजों में डेंगू जैसे लक्षण हैं। उनकी प्लेटलेट्स काउंट कम आ रही हैं। ऐसे में सिटी के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की डिमांड भी बढ़ गई है। इसकी वजह से अब शहर के प्रमुख सरकारी और चैरिटेबल ब्लड बैंकों में प्लेटलेट की कमी आ गई है। सैटरडे को शहर के 5 प्रमुख सरकारी और चैरिटेबल ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की सिर्फ 68 यूनिट उपलब्ध थीं। एक पेशेंट में चढ़ती हैं कई यूनिटसीनियर फिजीशियन डॉ.मनमीत सिंह बताते हैं, आम तौर पर जिन पेशेंट्स की प्लेटलेट्स काउंट 15 से 20 हजार तक होती हैं। उनका प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए सामान्य तौर पर 4 से 5 प्लेटलेट यूनिट चढ़ाई जाती हैं। सामान्य रैंडम डोनर प्लेटलेटस में 15 से 20 हजार प्लेटलेट काउंट बढ़ता है। ऐसे में एक ही पेशेंट पर जब इतनी प्लेटलेट्स की खपत होगी तो बीमारी बढ़ने पर प्लेटलेट की किल्लत हो सकती है। जिसका असर ब्लड बैंकों में दिख भी रहा है।
एसडीपी ज्यादा कारगर सीनियर फिजीशियन डॉ.कुनाल सहाय के मुताबिक , नार्मल रैंडम डोनर प्लेटलेट की जगह सिंगल डोनर प्लेटलेट ज्यादा फायदेमंद होती है। इसकी एक यूनिट से 40 से 50 हजार प्लेटलेट काउंट बढ़ते हैं। जिन पेशेंट्स का प्लेटलेट काउंट 15 हजार से भी कम होता है और ब्लीडिंग होने लगती है। उनमें एसडीपी कारगर रहती है,लेकिन यह काफी महंगी होती हैं। कानपुर में एक प्राइवेट और एक चैरिटेबल ब्लड बैंकों में ही सिंगल डोनर प्लेटलेट उपलब्ध है। किडनी और लीवर पर असरवायरल फीवर के जो पेशेंट अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। बुखार का असर उनके किडनी और लीवर पर भी पड़ रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.एसके गौतम बताते हैं कि वायरल फीवर के जो पेशेंट आ रहे हैं। उनका एसजीपीटी, एसजीओटी का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। इसके अलावा क्रिटनिन का लेवल भी काफी ज्यादा मिल रहा है। वायरल फीवर में कोई विशेष प्रकार का वायरस या बैक्टीरिया एक्टिव है। इसका पता वायरोलॉजी लैब में ही चल सकता है। कोशिश कर रहे हैं कि कुछ सैंपल की जांच वायरोलॉजी लैब से कराई जाए।
सैटरडे को प्लेटलेट्स की उपलब्धता- जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक-20 यूनिट उर्सला ब्लड बैंक- 30 यूनिट आईएमए चैरिटेबल ब्लड बैंक-8 यूनिट मायांजलि चैरिटेबल ब्लड बैंक- 10 मंगला चैरिटेबल ब्लड बैंक- 00 -- डेंगू के लक्षण- - तेज बुखार आना, थकान महसूस होना - तेजी से प्लेटलेट्स काउंट गिरना - शरीर में दर्द होना, उल्टी आना -शरीर में सूजन और लाल रैशेज पड़ना मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए क्या करें- -घरों में कूलर, फ्रिज, गमलों, बर्तनों में पानी इकट्ठा न होने दें -छत पर बरसाती पानी जिन चीजों में इकट्ठा होता है उसे हटा दें। -संक्रामक रोगों से बचाव के लिए पानी को उबाल कर पिएं - बड़े और बच्चे डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें -घरों की खिड़कियों में जाली लगाएं, रात में सोते समय मच्छरदानी इस्तेमाल करें -बुखार के साथ शरीर में लाल चकते पड़ने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। ---------------- वेक्टर बार्न डिसीज को रोकने के लिए चलेगा विशेष सफाइर् अभियान- 5 सितंबर-घरों, आवास,परिसर में सफाई के लिए जागरूकता 6 सितंबर-सभी स्कूलों और कॉलेजों में सफाई अभियान7 सितंबर-धार्मिक स्थलों, पूजा घरों, शिवालयों में सफाई अभियान
8 सितंबर-बाजारों और मॉल में सफाई अभियान 9 सितंबर-रेलवे स्टेशन,बस अड्डा, टेम्पो स्टैंड में सफाई अभियान 10 सितंबर- पार्क, मनोरंजन स्थल पर सफाई अभियान।