सिटी में हो रहे अवैध निर्माणों को रोकने के लिए सभी विभागों के सहयोग से घेराबंदी की तैयारियां शुरू हो गई हैं. इसमें बैंक से लेकर कई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट को शामिल किया जा रहा है. जिससे अवैध निर्माण को लेकर किसी भी तरह सुविधा न मिल सके. कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में एक रेजोल्यूशन पास किया गया. सभी डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स उनके एक्ट के अनुसार अवैध निर्माण रोकने के कदम तलाशने को कहा गया है.

कानपुर(ब्यूरो)। सिटी में हो रहे अवैध निर्माणों को रोकने के लिए सभी विभागों के सहयोग से घेराबंदी की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसमें बैंक से लेकर कई गवर्नमेंट डिपार्टमेंट को शामिल किया जा रहा है। जिससे अवैध निर्माण को लेकर किसी भी तरह सुविधा न मिल सके। कमिश्नर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में एक रेजोल्यूशन पास किया गया। सभी डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स उनके एक्ट के अनुसार अवैध निर्माण रोकने के कदम तलाशने को कहा गया है।

11 हजार से अधिक अवैध
सिटी मेंं अवैध निर्माणों की संख्या बढ़ती जा रही है। केवल केडीए में दर्ज अवैध निर्माणों की संख्या 11 हजार से अधिक पहुंच चुकी है, जबकि वास्तव में यह संख्या कई गुना है। बावजूद इसके अवैध निर्माणों के मामले में कानपुर की गिनती यूपी की टॉप 3 सिटीज में होती है। मेन रोड्स ही गली-मोहल्लों में स्थित प्लॉट्स पर बिल्डिंगें तन रही है। केडीए इन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।

एनफोर्समेंट टीम की मिलीभगत
एनफोर्समेंट टीम के इम्प्लाइज की मिलीभगत के कारण केडीए के नोटिस जारी किए जाने के बावजूद कोई असर नहीं पड़ रहा है। एनफोर्समेंट टीम से सेटिंग-गेटिंग की वजह से अवैध निर्माण करने वालों के हौसले इस कदर बुलन्द हैं कि बिल्डिंग सील किए जाने व डेमोलेशन ऑर्डर जारी होने के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ता है। बिल्डिंग तनती चली जाती हैं। यहां तक वह बिल्डिंग के अवैध हिस्से की कम्पाउंडिंग नहीं करते हैं। बीते वर्ष दिसंबर तक केवल 42 अवैध निर्माणों की कम्पाउंडिंग हुई। अवैध निर्माणों की वजह से सिटी में गाडिय़ों के पार्किंग प्रॉब्लम बढऩे के साथ सीवेज व ड्रेनेज सिस्टम भी प्रभावित हो रहा है।

यह रेजोल्यूशन हुआ पास
पिछले दिनों कमिश्नर डॉ। राजशेखर की अध्यक्षता में केडीए बोर्ड की मीटिंग हुई। मीटिंग में सिटी में हो रहे अवैध निर्माणों का मामला जोर-शोर से गूंजा। इसमें रेजोल्यूशन पास किया गया कि सभी गवर्नमेंट डिपार्टमेंट मिलकर अवैध निर्माण रोकेंगे। इसके लिए अपने-अपने डिपार्टमेंट के नियमों की सहायता लेकर एक सामूहिक प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसमें यूपी अपार्टमेंट एक्ट व कोर्ट के आर्डर का भी शामिल करते हुए कार्रवाई की जा सके। जिससे कि अवैध निर्माण करने वालों की लोन से लेकर पानी, बिजली किसी तरह की भी सुविधा न मिल सके। अïवैध निर्माणों की कमर टूट सके। कमिश्नर डॉ। राज शेखर को वर्क प्लान सौंपेंगे।
इन डिपार्टमेंट्स को शामिल किया जा रहा
फायर डिपार्टमेंट, जलकल डिपार्टमेंट, नगर निगम, इंडस्ट्री, रेवेन्यू, केस्को, पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड, एडमिनिस्ट्रेशन, पुलिस, बैंक आदि

ये सुझाव दिए गए
-- बिना मैप अप्रूवल के बैंक लोन न दें
-- केस्को इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन न दें
-- जलकल वाटर व सीवर कनेक्शन न दें।
-- फायर डिपार्टमेंट एनओसी न दें
-- पुलिस अवैध निर्माण रोकने में सहयोग करें
-- अवैध निर्माण वाली प्रॉपर्टीज की रजिस्ट्री न हो

Posted By: Inextlive