चटख रंगो का संगम होगा London Olympics में
ब्रिटेन के शहर, नगर और गांव ओलंपिक के दौरान टीवी पर पहली झलक में ही अपनी छाप छोडऩे को तैयार हैं। ओलंपिक साइकिलिंग रोड रेस की मेजबानी करने वाले लंदन के समीप 80000 की आबादी वाले मोल वैली का ही उदाहरण लीजिए। इसने अपने यहां के निवासियों को डाहलिया, संध्या मालती और सूरजमुखी के ओलंपिक स्वीकृत रंगों के फूल लगाने को कहा है जिससे कि साइकिलिस्ट 28 और 29 जुलाई को जब इसके समीप से गुजरेंगे तो उन्हें गुलाबी, जामुनी और संतरी रंग का संगम देखने को मिलेगा.
खेलों की दीर्घकालीन सफलता के लिए ब्रिटेन को यागदार बनाने को काफी अहम माना जा रहा है. इस उम्मीद के साथ काम किया जा रहा है कि दर्शका सिर्फ खेलों को ही नहीं बल्कि ब्रिटेन को भी याद रखें। ब्रिटेन के नेता इन खेलों पर नौ अरब 30 करोड़ पाउंड खर्च कर रहे हैं लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में पर्यटन और बाहरी निवेश से अरबों पाउंड का राजस्व प्राप्त होगा। कल एक नौका में ओलंपिक के विशाल छल्लों को थेम्स नदी में ऐतिहासिक ‘टावर ब्रिज’ के समीप ले जाया गया जिसका आयोजन ओलंपिक में 150 दिन बचे होने के मौके पर किया गया।
लंदन गुलाबी, नीले, पीले, जामुनी और हरे रंग में रंग गया है जो ओलंपिक के रंग हैं। स्थानीय लोगों को नए विचारों के लिए ओलंपिक के आयोजकों की ‘लुक बुक’ से मदद मिल रही है जिससे बाद वह अपनी इमारतों को खेलों के स्वीकृत तरीके से सजा सकते हैं। लंदन का इस तरह से छाप छोडऩे की कोशिश करना पहला मौका नहीं है। हालीवुड के लिए मशहूर अमेरिका के लास एंजिल्स ने 1932 खेलों की मदद से खुद को चमकदमक के शहर के रूप में पेश किया था।