......जब टूट गईं भौगोलिक सीमाएँ
अब खेल एक बार फिर इतिहास बना रहा है। मंगलवार को क़तर में आयोजित एक ख़ास टेबल टेनिस टूर्नामेंट में उत्तर और दक्षिण कोरिया के खिलाड़ी एक साथ खड़े थे।
दोनों देशों के खिलाड़ियों को मिलाकर बनी डबल्स टीम ने इस मैच में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य खेलों के माध्यम से उन देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को बहाल करना था, जिनके रिश्ते हाल के वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं।इस प्रतियोगिता के आयोजकों का कहना है कि दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि उत्तर और दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों ने एक होकर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। इस प्रतियोगिता में अन्य डबल्स जोड़ी थी- भारत-पाकिस्तान की जोड़ी और अमरीका-रूस की जोड़ी।आयोजनइस ख़ास प्रतियोगिता को देखने सभी देशों के राजनयिक पहुँचे। पीस एंड स्पोर्ट्स नाम की संस्था ने इस प्रतियोगिता का आयोजन किया। इस संस्था के प्रमुख जोएल बोज़ू ने उम्मीद जताई कि कूटनीतिक संबंध स्थापित किए जा सकते हैं।
उन्होंने कहा, "यहाँ कोई एजेंडा नहीं है। ये एक प्रतियोगिता है। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि वे अन्य मुद्दों पर भी बात करेंगे। ये बातचीत बहाल करने का माध्यम है। खेल एक माध्यम है."उत्तर कोरिया की महिला खिलाड़ी किम हे सॉन्ग भी इस विचार से सहमत थीं। उन्होंने कहा, "मैं दक्षिण कोरिया की खिलाड़ी के साथ जोड़ी बनाकर काफ़ी ख़ुश हूँ। अगर भविष्य में दोनों देश एक हो जाते हैं, तो मैं बहुत ख़ुश हो जाऊँगी."
इस प्रतियोगिता में पुरुषों का मुक़ाबला उत्तर और दक्षिण कोरिया के खिलाड़ियों ने जीता। जीत के जश्न के बीच ये उम्मीद जताई जा रही है कि जब हर चीज़ें नाकाम हो रही हैं पिंग पॉन्ग डिप्लोमेसी की जीत होगी।