हैलट में दवा की कमी की समस्या आए दिन होती रहती है. जिसका सीधा असर हजारों पेशेंट पर पड़ता है. उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन यूपीएमआरसी दवाओं की सप्लाई अस्पताल में समय से नहीं कर पा रहा है. जिससे अस्पताल में पेशेंट के इलाज में दिक्कत हो रही है. लिहाजा मेडिकल कालेज ने कांट्रेक्ट रेट पर बाहर से दवा खरीदने की अनुमति चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव दुर्गा नागपाल से से जीएसवीएम मेडिकल कालेज प्रशासन ने मांगी थी. इस पर उन्होंने फार्मा कंपनियों से सीधे आरसी से दवा खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी.

कानपुर (ब्यूरो) विशेष सचिव जब समीक्षा बैठक के दौरान मेडिकल कालेज की वाइस प्रिंसिपल प्रो। रिचा गिरि, प्रमुख अधीक्षक प्रो। आरके मौर्या व नोडल अफसर डॉ। मनीष ङ्क्षसह से मुखातिब हुईं तो दवाओं की किल्लत से उन्हें अवगत कराया। प्रो। रिचा गिरि ने बताया कि यूपीएमएससी अग्रिम भुगतान लेकर भी दवाओं की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। अस्पताल को औषधि रसायन मद के 15 करोड़ रुपये में से 9.98 करोड़ रुपये मिले हैं, जिससे पांच करोड़ की दवाएं, तीन करोड़ आक्सीजन एवं दो करोड़ रुपये पैथोलाजी के लिए रीजेंट खरीदा गया है। शासनादेश के अनुसार पांच करोड़ में से चार करोड़ की दवाएं यूपीएमएससी से लेनी है, जबकि एक करोड़ आरसी वर्ष 2021 में हुए भुगतान में से 12 लाख रुपये की दवाएं आज तक नहीं भेजी हैं।

भुगतान रोका गया
हैलट में दवाओं की सप्लाई समय पर न करने की वजह से निर्धारित कंपनी का चार करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान रोक दिया गया है। मरीजों के लिए आरसी से एक करोड़ रुपये की दवाएं खरीदी जा चुकी हैं। इसलिए चार करोड़ से आरसी से दवा खरीद की अनुमति दी जाए, जिससे मरीजों के लिएच्अच्छी एंटीबायोटिक समेत जरूरी दवाएं खरीदी जा सकें।

इन दवाओं की किल्लत
प्रो। गिरि ने बताया कि अस्पताल में मेरोपेनम इंजेक्शन समेत कई एंटीबायोटिक दवाएं खत्म हो गई हैं।बार-बार कहने के बाद भी यूपीएमएससी दवाओं की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। इस वजह से मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है।

Posted By: Inextlive