राजधानी में शुरू होगी पैंट्रीकार
- कोविड 19 की वजह डेढ़ साल से बंद थी यह सर्विस
- इसी महीने के लास्ट तक शुरू की जा सकती है सर्विस KANPUR। कोविड 19 के बढ़ते आउटब्रेक ने ट्रेनों की रफ्तार भी रोक दी थी। अब जब स्थितियां सामान्य हो रही है तो रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों में मिलने वाली सर्विस भी बढ़ा रही है.लगभग डेढ़ साल के बाद अब रेलवे ट्रेनों में पैंट्रीकार सर्विस शुरू करने जा रहा है। शुद्ध पका हुआ ख्ाना मिलेगा सबसे पहली राजधानी, शताब्दी व वंदेभारत जैसी वीआईपी ट्रेनों में यह सर्विस दोबारा शुरू करने का प्लान बनाया जा रहा है। रेलवे सोर्सेस की माने तो अगस्त मंथ के एंड तक वीआईपी ट्रेनों में पैसेंजर्स को शुद्ध पका हुआ खाना मुहैया होने लगेगा। वर्तमान में भी तक कोरोना की वजह से पैसेंजर्स को जर्नी के दौरान सिर्फ पैक्ड आइटम ही उपलब्ध हो रहा है।रेलवे बोर्ड दे चुका है हरी झंडी
रेलवे सोर्सेस की माने तो रेलवे बोर्ड ने भी ट्रेनों में पैंट्रीकार सर्विस शुरू करने को लेकर अप्रूवल दे दिया है। इसके साथ ही एनसीआर रीजन समेत अन्य रीजन में इसको लेकर पत्र भी जारी कर चुका है। गौरतलब है की ई-कैटरिंग सर्विस शुरू होने के कुछ मंथ बाद ही आईआरसीटीसी रेलवे बोर्ड को पैंट्रीकार सर्विस शुरू करने को लेकर रेलवे बोर्ड से आग्रह कर चुका है। इसको देखते हुए इसी मंथ से इसको शुरू करने की प्लानिंग की जा रही है।
बेस किचन से चढ़ाया जाएगा भोजन रेलवे अधिकारियोंके मुताबिक इस बार पैंट्रीकार में भोजन नहीं पकाया जाएगा। जब पैंट्रीकार में सिर्फ हीटर व फ्रीजर होगा। जहां भोजन को गर्म व ठंडी वस्तुओं को फ्रीजर में रखने की सुविधा होगी। पैंट्रीकार के ठेकेदार अपने बेस किचन में खाना बनवा कर ट्रेनों में चढ़ाएंगे। उसी को पैसेंजर्स को बिक्री किया जाएगा। इस सुविधा के शुरू होने से पैसेंजर्स को ताजा पका हुआ खाना जर्नी के दौरान ट्रेनों में उपलब्ध हो सकेगा। एक नजर 10 जोड़ी वीआईपी ट्रेनों का संचालन वाया कानपुर होकर होता है डेली 1 लाख से अधिक पैसेंजर्स इन ट्रेनों में डेली जर्नी करते हैं 1.5 वर्ष से पेंट्रीकार सर्विस बंद थी 8 मंथ पहले ई-कैटरिंग सर्विस शुरू की थी 2 फेज में एक्सप्रेस व सुपरफास्ट ट्रेनों में शुरू होगी सर्विसपैसेंजर्स की सुविधा को देखते हुए रेलवे ट्रेनों में पैंट्रीकार की सुविधा दोबारा से शुरू करने की प्लानिंग कर रहा है। कोरोना की वजह से लगभग डेढ़ साल से यह सर्विस रेलवे ने बंद कर रखी है।
डॉ। शिवम शर्मा, सीपीआरओ, एनसीआर रीजन