लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री को राहत
कानपुर(ब्यूरो)। कानपुर की लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री को आम बजट में बड़ी राहत मिली है। फुटवियर बनाने वाली मशीनों के इंपोर्ट पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है। इसके अलावा जूते चप्पल बनाने में यूज होने वाले कुछ खास कंपोनेंट में भी कस्टम ड्यूटी की दर में कमी की गई है। इस सेक्टर से जुड़े बड़े-बड़े उद्यमी भी मान रहे हैं कि जब मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट घटेगी तो कीमतें भी कम होंगी। इससे माल की सप्लाई बढ़ेगी और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में भी कीमत के मामले में लड़ाई कर सकेंगे।
मशीनों पर ड्यूटी कम
आम बजट में फुटवियर बनाने की मशीनों के आयात पर कस्टम ड्यूटी कम की गई है। इसी तरह फास्टनर, इनले कार्ड, लाइङ्क्षनग, इंटर लाइङ्क्षनग मैटेरियल, वेट ब्लू क्रोम टैन लेदर पर कुछ शर्तों के साथ छूट दी गई है। यह छूट इंपोर्ट के लिए लेदर गारमेंट बनाने पर मिलेगी। इसके अलावा जो निर्यातक पर्स, जूते, बक्क्लस, बटन का एक्सपोर्ट करेंगे, उन्हें भी छूट दी जाएगी। कानपुर से पहले लेदर गुड्स का 8 हजार करोड़ का एक्सपोर्ट था जो वर्तमान में 5,600 करोड़ रुपये सालाना का है। छूट की वजह से मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट घटेगी जिससे वैश्विक स्तर पर कीमतों को लेकर दूसरे देशों से प्रतिस्पर्धा की जा सकेगी।
बजट बहुत ही अच्छा है इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा तो ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट कम होगी। कानपुर को एक मल्टी माडल लॉजिस्टिक पार्क मिलना चाहिए। फुटवियर के क्षेत्र में जो राहतें दी गई हैं वो अच्छा कदम हैं।
- आरके जालान, वाइस प्रेसीडेंट, काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट
यह बजट फुटवियर इंडस्ट्री को राहत देगा। कानपुर में कई बड़ी फुटवियर इंडस्ट्री हैं। जिस तरह कुछ कंपोनेंट पर ड्यूटी में छूट दी गई है, यह बजट लांग टर्म के लिए बना है और इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
- सुशील बाजपेई, प्रेसीडेंट, आरएसपीएल गु्रप
पिछले कुछ समय में एक्सपोर्ट कम हुआ था, लेकिन जिस तरह से एक्सपोटर्स को छूट देने की बात सामने आई है। उससे कॉस्ट कम होगी। एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। लेदर इंडस्ट्री भी मजबूत होगी।
- जावेद इकबाल, रीजनल चेयरमैन, काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट
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