न्यूयॉर्क में पान खाने के शौकीन तो मौजूद हैं और कुछ लोगों के अनुसार उनकी संख्या बढ़ भी रही है लेकिन पान की पीक से होने वाली गंदगी एक समस्या बनती जा रही है.

शहर में बड़ी संख्या में दक्षिण एशियाई मूल के लोग रहते हैं और खासकर शहर के जैकसन हाईट्स इलाके में इन लोगों की घनी आबादी है यहां एक बड़ा बाज़ार भी है।

इस बाज़ार की दुकानों में आपको भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों में बिकने वाली तकरीबन हर चीज़ मिल जाएगी, जिसमें जगह- जगह पर पान की दुकानें भी शामिल हैं। न्यूयॉर्क के इस इलाके में आपको पनवाड़ी की दुकान हर नुक्कड़ पर मिल जाएगी।

पान के शौकीनयहां पनवाड़ी और पान खाने के शौकीन लोग ये दावा करते हैं कि पान खाने का अपना अलग मज़ा है और इसके शौकीन भी अब बढ़ रहे हैं। भारत के हैदराबाद शहर से न्यूयॉर्क आकर बसने वाले समद सूफ़ी ऐसे ही पान के शौकीन हैं।

समद सूफ़ी कहते हैं, "खाने के बाद एक मीठा पान मुंह में दबा लीजिए, एयरकंडीशन चलता रहे, सामने टीवी हो, साथ में बीवी बच्चे बैठे हों, हाथ में अख़बार हो, तो एक सुरूर महसूस होता है."

समद कहते हैं कि वो रोज़ाना दो बीड़ा पान का सुबह और रात को खाने के बाद लुत्फ़ ज़रूर उठाते हैं। उनका कहना है, "यह तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है."

वो बताते हैं कि वो रोज़ाना दिन में दो बार दांतों को भी साफ़ करते हैं ताकि उनकी बत्तीसी पर पान का रंग न चढ़ने पाए। यही नहीं, समद पान की पीक के लिए एक प्लास्टिक का गिलास साथ रखते हैं और उसी में ही थूकते हैं।

पान की पीकलेकिन जैकसन हाईट्स के इलाके में पान खाने वाले सभी लोग पीक थूंकने के लिए इतना जतन नहीं करते। नतीजतन न्यूयॉर्क के इस इलाके में पान खाने का शौक, पीक का थूकना और उसके कारण फैलने वाली गंदगी अब समस्या भी बनती जा रही है।

इस इलाके में जगह-जगह पर पान की पीक पड़ी हुई देखी जा सकती है। जैक्सन हाईट्स में विभिन्न प्रकार के देसी खान पान, कपड़े और ज़ेवरात आदि की दुकानें मौजूद हैं। ये इलाका देसी चीज़ों का एक बड़ा केंद्र है जहां अमरीका भर से लोग देसी चीज़ें खरीदने आते हैं।

तरह तरह की सजी धजी दुकानों की कतार के सामने शहर प्रशासन ने आम लोगों के बैठने के लिए कुछ कुर्सी मेज़ें रखी हैं। लेकिन इन्ही कुर्सियों के इर्द गिर्द जगह जगह पान की पीक भी पड़ी हुई होती है।

समस्या

इसी तरह की एक कुर्सी पर बैठकर अपने दोस्त के साथ गप्पे मारते हुए नेपाली मूल के पालसन थापा नाक सिकोड़ कर कहते हैं, "ये बहुत खराब बात है कि पान खाने वाले जहां तहां पीक थूक देते हैं। अब देखिए यहां बैठने की जगह है और यहीं पर पीक थूकी हुई है। ये तो सही नहीं है."

भारतीय मूल के राजू एक पान की दुकान चलाते हैं जिसका नाम है शाही पान। उनके पास जितने भी प्रकार के पान हैं, उनकी सूची लगी हुई है जिनमें बनारसी पान, सादा खुशबू पान और राम प्यारी पान शामिल हैं और ये सभी 2 डॉलर में मिल जाते हैं।

वो कहते हैं कि दूर दराज़ से लोग पान लेने आते हैं और 25-50 पान बंधवा कर ले जाते हैं। राजू बताते हैं कि पान को फ़्रिज में रखकर लोग 2 महीने तक खा सकते हैं। लेकिन इस इलाके के कुछ दुकानदार पान खाने वालों द्वारा गंदगी फैलाए जाने के कारण परेशान हैं।

जुर्मानाइनमें से कुछ दुकानदारों पर तो शहर प्रशासन की ओर से जुर्माना भी लगाया जाता है क्योंकि उनकी दुकान के सामने पीक से गंदगी फैली होती है।

भारतीय मूल के गोवर्धन पटेल फ़ुटपाथ पर एक कैंडी स्टोर चलाते हैं, जिसके सामने की दीवार पान की पीक से रंगी हुई है। वो इस गंदगी से परेशान हो चुके हैं।

गोवर्धन पटेल कहते हैं, "पान खाने वाले लोग पान खाते हुए चलते-चलते मेरी दुकान के सामने की दीवार पर पीक की पिचकारी मार कर चल देते हैं। आप उनसे कुछ कह भी नहीं सकते, वे जवाब देते हैं कि हम तो सरकारी ज़मीन पर थूक रहे हैं। मैं कई बार सफ़ाई करता हूं, लेकिन थोड़ी भी पान की पीक पड़ी रहती है तो शहर का सफाई विभाग मेरा ही चालान करता है क्योंकि यह मेरी दुकान के सामने है."

गोवर्धन पटेल को पान की पीक से फैली गंदगी के कारण 60 डॉलर प्रति चालान के हिसाब से हर्जाना भरना पड़ता है और उन्हें महीने में कई बार चालान भरना पड़ता है।

बहसवैसे कानून ये है कि सड़क पर थूंकने पर 200 डॉलर का जुर्माना लग सकता है। लेकिन कभी कभार ही ऐसा जुर्माना किसी पर लगता है। इसलिए कम से कम इस इलाके में धड़ल्ले से लोग पान खाते हैं और पीक सड़क पर या फुटपाथ पर या फिर किसी दीवार पर थूक देते हैं।

गोवर्धन पटेल की दुकान के पास ही चाय की चुस्की ले रहे भारतीय मूल के बबलू चौधरी एक छोटे से पेड़ के पास खड़े हैं जिसके आस-पास पान की पीक भरी हुई है।

बबलू कहते हैं, "पता नहीं लोग क्यों यहां भी ऐसी गंदगी करते हैं। हमें तो यह देख कर लगता है कि हम भारत के किसी इलाके में खड़े हैं। इलाके के आम लोगों को चाहिए कि जो ऐसे थूकता हुआ दिखाई दे उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दें, तभी यह रुकेगा, वरना नहीं."

कुछ लोग यहां तक कहते हैं कि पान की दुकानों को ही बंद कर देना चाहिए, तभी गंदगी रुकेगी।

इस इलाके में भारतीय मूल के मोहम्मद उमर की भी एक पान की दुकान है। उनकी दुकान पर शाम को पान के शौकीन लोगों की लंबी कतार लग जाती है।

उमर कहते हैं कि पान खाने वाले कभी खत्म नहीं हो सकते। उनका कहना है कि पान खाने वालों को गंदगी तो नहीं फैलानी चाहिए लेकिन पान बेचने वालों को पान की पीक से फैलने वाली गंदगी का ज़िम्मेदार ठहराना भी सही नहीं है।

उमर कहते हैं, "पान की पीक तो या तो गिलास या फिर किसी कूड़ेदान में ही थूकना चाहिए। गंदगी फैलाना गलत है। लेकिन इसके लिए पान बेचने वालों या फिर पान के धंधे को ही इल्ज़ाम देना भी ठीक बात नहीं है."

बहरहाल पान की पीक को लेकर अब यह बहस तो जारी है। इस बीच शहर प्रशासन से भी उम्मीद की जा रही है कि वह जैक्सन हाईट्स इलाके में सफ़ाई के नियमों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटेगी।

Posted By: Inextlive