ऑक्सीजन ने बिगाड़ा हैलट का बजट
- पेशेंट्स की दवाओं को खा रहा ऑक्सीजन प्लांट
-एलएलआर हैलट हॉस्पिटल में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगने से डेढ़ गुना तक बढ़ा ऑक्सीजन का खर्च -अलग से बजट न मिलने से दवाओं में कटौती कर निकाला जा रहा ऑक्सीजन का खर्च, पुराने सिस्टम को भी चलाने की मजबूरी >kanpur@inext.co.inKANPUR: कोई नई सुविधा शुरू करने से पहले अगर उसे चलाने के सही से इंतजाम न किए जाएं तो वह सुविधा कम असुविधा ज्यादा बन जाती है। कुछ ऐसी ही स्थिति एलएलआर हास्पिटल की है। जहां पेशेंट्स को ऑक्सीजन देने के लिए करोड़ों की लागत से लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया, लेकिन इसे चलाने में आने वाले खर्च को लेकर कोई अलग से व्यवस्था नहीं हुई। अब हालत यह है कि ये ऑक्सीजन प्लांट पेशेंट्स की दवाओं को खा रहा है। क्योंकि इसे चलाने के लिए हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन दवाओं के बजट में कटौती करने को मजबूर है। जिसका असर सीधे पेशेंट्स पर पड़ रहा है। हकीकत ये है कि लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट से मिलने वाली ऑक्सीजन, सिलेंडर से मिलने वाली ऑक्सीजन से डेढ़ गुना तक महंगी पड़ रही है। जबकि ऑक्सीजन का बजट उतना ही है, जितना कि पहले था।
दवा के खर्च में होगी कटौतीसिटी के सबसे बड़े एलएलआर हास्पिटल में इस बार शासन ने 12 करोड़ रुपए दवाओं,केमिकल,सर्जिकल आईटम्स और ऑक्सीजन के लिए दिया है। हास्पिटल की लैब और डायग्नोस्टिक सेंटर चलाने में ही रीजेंट और एक्सरे फिल्म की खरीद में 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आता है। इसके बाद दवाओं, गाज पट्टी, सर्जिकल आईटम्स, वीगो,कैथेटर, फोलिस, सिरिंज जैसी चीजों की खरीद में एक करोड़ से ज्यादा का खर्च होता है। ऐसे में दवाओं के लिए सलाना 7 से 8 करोड़ से ज्यादा का बजट नहीं बचता। ऐसे में अब तीन लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट चलाने में लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई का खर्च भी डेढ़ गुना तक बढ़ गया है। इसके साथ छोटे सिलेंडर और बैकअप ऑक्सीजन प्लांट का इंतजाम करने का खर्च अलग है। अस्पताल प्रशासन ने दवाओं के हिस्से से ही अभी पेमेंट की व्यवस्था की है। ऐसे में दवा के बजट में कटौती होना तय है। जिससे पेशेंट के लिए दवा की कमी होगी।
ये सांसे हैं महंगी- - 8 से 9 लाख रुपए हर महीने का ऑक्सीजन का खर्च एलएलआर में एलएमओ लगने से पहले - 150 बड़े सिलेंडरों की की रोजाना थी सी सप्लाई एलएलआर और संबद्ध अस्पतालों में - 1 करोड़ रुपए सलाना था ऑक्सीजन का सिलेंडरों का बजट एलएलआर हास्पिटल में- 11 से 13 लाख रूपए हर महीने लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट का खर्च
- डेढ़ करोड़ रुपए सलाना बजट हुआ एलएमओ का अब - 2 लाख रुपए प्रति माह छोटे सिलेंडरों का खर्च वार्ड में भर्ती पेशेंट्स के लिए - 1 लाख रुपए प्रति माह पुराने ऑक्सीजन प्लांट में रिजर्व में रखे गए बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों का किराया - 12 करोड़ रुपए मिले दवा,केमिकल,ऑक्सीजन और सर्जिकल आईटम्स की खरीद के लिए ---------------------- वर्जन- लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का खर्च ऑक्सीजन सिलेंडरों से काफी ज्यादा है। हमारा बजट सीमित है.उससे ही काम चलाना है फिर भी शासन से एलएमओ के लिए अलग से बजट मंागा गया है। - प्रो। आरके मौर्या, एसआईसी, एलएलआर हास्पिटल