ओपीडी का रजिस्ट्रेशन से लेकर पैथोलॉजी जांच तक लंबी लाइनों का करना पड़ता सामना
कानपुर (ब्यूरो)। एक माह पूर्व डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के उर्सला में फैली अव्यवस्था को लेकर जिम्मेदारों को फटकार लगाने के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। ओपीडी से लेकर वार्ड तक कुछ डॉक्टर्स के &कारीगर&य सक्रिय हैं। जो पेशेंट को बरगला कर बाहर पैथोलॉजी जांच व दवा खरीदने के लिए भेजते हैं। बीते दिनों उर्सला अस्पताल के डायरेक्टर ने दो डॉक्टर के कारीगरों को पकड़ पुलिस के सुपुर्द भी किया था। इसके साथ ही जिम्मेदार डॉक्टर्स से स्पष्टीकरण नोटिस भी जारी किया था। इसके बावजूद व्यवस्था जस की तस है। तीमारदारों को उपचार के लिए हर कदम संघर्ष करना पड़ता है।
ओपीडी रजिस्ट्रेशन से पैथोलॉजी तक लंबी लाइन
उर्सला अस्पताल की ओपीडी में अव्यवस्था होने की वजह से पेशेंट को ओपीडी रजिस्ट्रेशन से लेकर पैथोलॉजी जांच तक लंबी कतारों का सामना करना पड़ता है। लाइनों में घंटों जद्दोजहद करने के बाद लगभग दो से तीन घंटे में पैथोलॉजी व एक्सरे जांच हो पाती है। ऐसा इसलिए कि अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट से लेकर स्टॉफ कम होने के साथ ही मशीनें की संख्या भी कम है। जबकि यहां सैकड़ों की संख्या में डेली पेशेंट उपचार के लिए आते हैं।
वॉटर कूलर व लिफ्ट सिर्फ दिखावा
ओपीडी में पेशेंट व अटेंडेंट की सुविधा के लिए वॉटर कूलर व लिफ्ट की सुविधा है। जो कई माह से खराब पड़ी हुई है। मल्टीस्टोरी ओपीडी बिल्डिंग में एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर जाने के लिए पेशेंट व अटेंडेंट को सीढिय़ों या फिर रैम्का सहारा लेना पड़ता है। वहीं प्यास बुझाने के लिए पेशेंट को अस्पताल के बाहर से पानी की बोतल खरीदना पड़ता है।
उर्सला अस्पताल में सुविधाओं व कारीगरों की सक्रियता को लेकर लगातार दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के पास रीडर्स की शिकायतें आ रही थी। शिकायतों के चलते दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सैटरडे को उर्सला अस्पताल के ओपीडी के साथ वार्ड का भी निरीक्षण किया। सामने आए तथ्य चौकाने वाले थे। वार्ड में प्राइवेट पैथोलॉजी के युवक सक्रिय थे। जोकि बिना किसी रोक टोक के पेशेंट का ब्लड सैम्पल लेने के साथ जांच रिपोर्ट भी दे रहे थे।
ओपीडी की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन बड़ी समस्या
उर्सला अस्पताल में बड़ी संख्या में महिलाएं ट्रीटमेंट के लिए आती है। जिनके पास स्मार्ट मोबाइल मुश्किल ही होता है। इस हालातों में ओपीडी का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने उनके लिए बड़ा सिर दर्द हैै। यहीं कारण है कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने की अपेक्षा मैनुअल रजिस्ट्रेशन पर्चा बनवाने के लिए विंडो में पेशेंट की अधिक भीड़ लगती हैं।
उर्सला अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक जिला अस्पताल में एक्सरे, पैथोलॉजी में मशीनों की संख्या बढ़ाने के साथ स्टॉफ बढ़ाने की भी काफी जरूरत है। इसको लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अस्पताल में डेली आने वाले पेशेंट की संख्या को देखते हुए पैथोलॉजी व एक्सरे मशीनों की संख्या काफी कम है। यहीं कारण है कि जांच के लिए पेशेंट की लंबी कतारे लगती हैं।
- 15 सौ से अधिक पेशेंट डेली ओपीडी में आते है
- 1 एक्सरे मशीन ओपीडी में
- 1 पैथोलॉजी मशीन ओपीडी में
- 4 ओपीडी रजिस्ट्रेशन विंडो
- 50 बेड से अधिक इमरजेंसी वार्ड
- 1 साल से ओपीडी में लिफ्ट पड़ी खराब
बीते दिनों आई शिकायतों के बाद सख्ती की गई थी। एसीएमओ व उर्सला के डायरेक्टर को समय-समय पर ओपीडी व वार्ड का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है। मैं किसी दिन औचक निरीक्षण करूंगा। काई खामी मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएंगी।
डॉ। अलोक रंजन, सीएमओ, कानपुर