60 फीसदी वोटर्स के भरोसे नहीं बननी चाहिए सरकार
-निर्वाचन कार्यो की समीक्षा बैठक में प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने बताया वोट का महत्व
-बैठक के दौरान ही कर्मचारियों के उठकर चले जाने पर जताई नाराजगी, कहा कर्मियों में नकारात्मक विचार ज्यादा KANPUR : वोट डालने की शपथ लेने से पहले उसके महत्व को समझना होगा। महज 60 परसेंट वोटर के भरोसे सरकार नहीं बननी चाहिए। बाकी बचे 40 परसेंट वोटर से भी वोट डलवाना होगा। इसके लिए डीएम और क्षेत्र के वीआईपी लोगों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। वीआईपी लोगों की वोटर लिस्ट पहले ही तैयार की जाएगी, ताकि उनके वोट न कटे। वोट का महत्व बताते हुए यह बात प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने कैलाश भवन में निर्वाचन कार्यो की समीक्षा बैठक में कही। ------------- बन सकते हैं फर्स्ट वोटरएल वेंकटेश्वर ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से बातचीत में कहा कि वोटर लिस्ट में बदलाव नॉमिनेशन के आखिरी दिन तक कर सकते हैं। वहीं वोटर बनने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन कभी भी कर सकते हैं। 31 जनवरी को वोटर लिस्ट के अंतिम प्रकाशन के बाद फॉर्म-6 भरने की प्रक्रिया फिर शुरू की जाएगी। बैठक के दौरान संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी डा। अलका वर्मा, कमिश्नर सुभाष चंद्र शर्मा, डीएम विजय विश्वास पंत, एडीएम सिटी विवेक श्रीवास्तव सहित मंडल के सभी डीएम, एसडीएम और निर्वाचन कार्यो से जुड़े कर्मचारी मौजूद रहे।
--- बॉक्स सीईओ के सामने उठकर चले गए निर्वाचन कार्यो में लगे कर्मी इस काम में कितना इंट्रेस्ट ले रहे हैं इसकी पोल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू के सामने ही खुल गई। कैलाश भवन में आयोजित बैठक में उनके संबोधन से पहले ही 50 परसेंट से अधिक कर्मचारी उठकर चले गए। कर्मचारियों को जाता देख पहले तो एडीएम एलए व उप जिला निर्वाचन अधिकारी केहरि सिंह ने रोका, लेकिन कर्मी फिर भी नहीं माने। इसके बाद अपने संबोधन में लू ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कर्मियों में नकारात्मक विचार ज्यादा हैं। समीक्षा बैठक की खास बातें -मतदाता पुनरीक्षण अभियान में 1.40 लाख फर्स्ट वोटर्स जोड़े गए -प्रदेश में कुल वोटर्स की संख्या 14.20 करोड़ से बढ़कर 14.50 करोड़ हुई -10 लाख से मिले डुप्लीकेट वोटर्स के नाम वोटर लिस्ट से डिलिट किए जाएंगे - 25 जनवरी को नेशनल वोटर्स डे पर 1950 टोल फ्री नंबर लॉन्च किया जाएगा। - इस नंबर पर ईपिक नंबर डालने ही नाम, पता और बूथ की जानकारी मिल जाएगी।- ईवीएम व वीवीपैट बिल्कुल सिक्योर हैं। इस पर शक की कोई गुंजाइश नहीं है।
- वोटर लिस्ट में नाम शामिल होने के बाद वोटर आईडी वितरण तेजी से किया जाएगा - कानपुर में अब तक 40,000 लोगों को वोटर आईडी नहीं मिले हैं, इनको जल्द प्रिंट कराया जाएगा।