प्लॉट पर कब्जा करने आगजनी और फर्जी आधार बनाने के मामले में जेल गए सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई है. पुलिस ने उनकी पुरानी क्राइम फाइलों को खोलने का निर्णय लिया है. विधायक पर 11 अपराधिक मामले दर्ज हैं जिसकी समीक्षा एसीपी स्वरूप नगर को सौंपी गई है. उनकी रिपोर्ट के आधार पर पुरानी घटनाओं की फाइल दोबारा खोली जाएगी और नए सिरे से विवेचना शुरू होगी.


कानपुर (ब्यूरो) ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि इरफान के खिलाफ 11 अपराधिक मामले दर्ज है। जिसमें से 4 में चार्जशीट लगाई गई थी। 3 केस में फाइनल रिपोर्ट लगी है और चार में विवेचना जारी है। इन सभी 11 मामलों की समीक्षा एसीपी स्वरूप नगर मृगांक शेखर पाठक के नेतृत्व में कराई जाएगी। जिन केसों में चार्जशीट लगाई गई है उनमें यह पता किया जा रहा है कि वह कोर्ट से छूट गए हैं या नहीं। अगर केस छूट गए हैं तो किन बिन्दुओं पर छूटे हैं, उसकी समीक्षा की जाएगी। वहीं जिन केस में फाइनल रिपोर्ट लगी है उसका आधार क्या था? जो भी ऐसे केस मिलते हैं जिसमें विधायक की भूमिका ठीक से जांची नहीं गई, उन केसों को दोबारा खोलकर विवेचना की जाएगी।

कौन से मामले दर्ज हैं विधायक पर


- ग्वालटोली थाने में सन 2010 में विधायक के खिलाफ राष्ट्रीय गौरव का अपमान निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें पुलिस ने 27 मार्च 2011 को चार्जशीट दाखिल की थी।

- ग्वालटोली पुलिस ने सन 2011 में विधायक के खिलाफ 147 (बलवा), 186(सरकारी अफसर के काम में बाधा डालना), 189(सरकारी अफसर को चोट पहुंचाने की धमकी देना), 253(भारतीय सिक्के पर कब्जा कर बदलना), 504, 506 (जान से मारने की धमकी देना) का मामला दर्ज किया था। जिसमें पुलिस ने 8 अगस्त 2011 को चार्जशीट लगा दी थी।- स्वरूप नगर थाने में सन 2014 में विधायक के खिलाफ तीन एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें धारा 143 (जानबूझकर गैर कानूनी सभा में शामिल होना), 307(जान से मारने का प्रयास) 323 (मारपीट), 504, 506(जान से मारने की धमकी देना), 427(पचास रुपए या उससे ज्यादा नुकसान होना), 279(रैश ड्राइविंग), 452(बिना अनुमति घर में घुसकर चोट पहुंचाना) रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें पुलिस ने एक मामले में 7 मई 2014, दूसरे मामले में 10 अप्रैल 2015 और तीसरे मामले में 16 मई 2015 में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी।- कर्नलगंज थाने में सन 2017 में विधायक के खिलाफ धारा 171 एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालना), 171 जी (चुनाव के संबंध में झूठा बयान देना), 127 ए(बिना प्रिंटर और प्रकाशक के नाम के पोस्टर छपवाना) में रिपोर्ट दर्ज हुई थी। जिसमें पुलिस ने 11 मार्च 2017 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

- चमनगंज में सन 2020 में विधायक के खिलाफ धारा 188 (महामारी एक्ट का उल्लंघन करना), 279 (रैश ड्राइविंग) और 270 (गम्भीर बीमारी को फैलाना) में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें पुलिस ने 21 अगस्त 2020 को चार्जशीट दाखिल कर दी थी।
- ग्वालटोली में सन 2022 में विधायक के खिलाफ धारा 120 बी(षड्यंत्र रचना), 212(अपराधी को कानूनी दंड से बचाना), 419(छल करना), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471(फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करना) में दर्ज किया गया था। जिसकी विवेचना अभी भी जारी है।- चमनगंज में सन 2022 में ही विधायक के खिलाफ धारा 171 एच(चुनाव में अवैध खर्च), 186 (सरकारी अफसर के काम में बाधा डालना), 188 (महामारी एक्ट का उल्लंघन), 323 (मारपीट), 336(उतावलेपन में मानव जीवन को खतरा पहुंचाना), 504, 506(जान से मारने की धमकी देना) में दर्ज की गई थी। पुलिस अभी भी मामले में विवेचना कर रही है।- अनवरगंज में सन 2022 में विधायक के खिलाफ 188 (महामारी एक्ट का उल्लंघन), 269(ऐसा कार्य करना जिससे बीमारी फैलने का खतरा हो), 271 (इनफेक्शन वाले स्थान पर लापरवाही करना) में दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस की विवेचना जारी है।- जाजमऊ थाने में 8 नवम्बर को आगजनी, बलवा, मारपीट आदि धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें अभी भी विवेचना जारी है।6 और तहरीर पहुंची
ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि विधायक के खिलाफ अब तक 7 अपराधिक मामलों में तहरीर मिली थी। 6 तहरीर और प्राप्त हुई है। जिसके बाद संख्या 13 पहुंच गई है। अधिकारी ने बताया यह सम्भव है कि राजनीतिक द्वेश के चलते विधायक के खिलाफ कुछ लोगों ने जानबूझकर तहरीर दी हो। इसकी जांच के लिए इंस्पेक्टर सूर्यबली पाण्डेय और इंस्पेक्टर रत्नेश सिंह की टीम को लगाया गया है। मामला सही मिलने पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।

Posted By: Inextlive