सिटी में जीका वायरस के लगातार बढ़ते केसेस को देखते हुए इसी हफ्ते से जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में भी इसकी जांच शुरू हो जाएगी. जिसके बाद जांच के लिए सैंपल्स को केजीएमयू या एनआईवी पुणे नहीं भेजना पड़ेगा. जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब में जीका वायरस की जांच के लिए आरटीपीसीआर मशीन पहले से ही है. सिर्फ जांच किट की जरूरत है. 5 हजार जांच किट की खरीद के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट की डिमांड पूरी कर दी है. मेडिकल कॉलेज से रेजीडेंट और तीन लैब टेक्निशियन को जीका वायरस की टेस्टिंग की ट्रेनिंग के लिए ट्यूजडे को केजीएमयू भेजा जाएगा.


कानपुर (ब्यूरो) जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में कोरोना वायरस की जांच के लिए पहले से ही कई आरटीपीसीआर मशीने हैं। इन्हीं से जीका वायरस की भी पीसीआर जांच की जाएगी। कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए जहां सलाइवा के सैंपल लिए जाते हैं। वहीं जीका के संक्रमण की जांच के लिए पेशेंट्स के ब्लड का सैंपल लिया जाएगा। इसके लिए अलग किट भी एक दो दिन में मेडिकल कॉलेज पहुंच जाएगी। आरटीपीसीआर मशीन में जीका की पहचान के लिए कंट्रोल को लोड किया जाना है। इसी के जरिए सैंपल निगेटिव है या पॉजिटिव इसकी पहचान होगी। कंट्रोल को आरटीपीसीआर मशीन में लोड करने के लिए जीका वायरस के दो पॉजिटिव सैंपल मंडे रात को केजीएमयू से जीएसवीएम की माइक्रोबायोलॉजी लैब में पहुंच गए।

24 घंटे में मिलेगी रिपोर्ट
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जीका वायरस की जांच शुरू होने से सैंपल लखनऊ या पुणे भेजने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा। साथ ही 24 घंटे में ही जांच की रिपोर्ट भी पता चल जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के सैंपल्स की जांच के लिए कोई चार्ज तय नहीं हुआ है।

Posted By: Inextlive