संस्थान कैसा है फैकल्टी हैं या नहीं लैब किस तरह की है? कोर्स के बाद प्लेसमेंट होगा या नहीं? पॉलीटेक्निक में एडमिशन लेने वाले हजारों स्टूडेंट्स को हर साल ये सवाल परेशान करते हैं. वो डिसाइड नहीं कर पाते कि किस पॉलीटेक्निक में एडमिशन लें. लेकिन अब यह समस्या नहीं होगी. पॉलीटेक्निक की रैंक ही उस संस्थान का हाल बता देगी. जिससे स्टूडेंट आसानी से निर्णय ले सकेंगे कि यहां एडमिशन लेना है या नहीं. टेक्निकल संस्थानों की तरह अब यूपी के पॉलीटेक्निक संस्थानों की भी रैकिंग की जाएगी.

कानपुर (ब्यूरो) संस्थान की एजूकेशन क्वालिटी, रिजल्ट और इनोवेशन, क्रिएटिविटी, स्किल डेवलपमेंट, प्लेसमेंट रैकिंग का आधार बनेंगी। अब नेशनल इंस्टीट््यूशनल रैंङ्क्षकग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की तरह पॉलीटेक्निक संस्थानों की एनुअल रैंङ्क्षकग प्रक्रिया शुरू की गई है। बेहतर एजूकेशन की दिशा में एक्सपट्र्स इसे अच्छा कदम बता रहे हैं। इससे स्टूडेंट्स के साथ संस्थानों का भी फायदा होगा।

एसआईआरएफ का सुझाव
प्राविधिक शिक्षा निदेशालय काफी समय से पॉलीटेक्निक की रैंङ्क्षकग कराने का प्लानिंग कर रहा है। इसके लिए एनआईआरएफ की तर्ज पर एसआईआरएफ (स्टेट इंस्टीट््यूशनल रैंङ्क्षकग फ्रेमवर्क) बनाने का सुझाव भी दिया गया था। अब इस योजना पर अमल करने की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके तहत निदेशालय की ओर से विभिन्न ङ्क्षबदुओं पर संस्थानों की कार्यक्षमता का आंकलन शुरू किया है।

शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
शोध विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि विभिन्न पालीटेक्निक में बिल्डिंग, एजूकेशन क्वालिटी, लैब, व वर्कशाप, प्लेसमेंट, स्टूडेंट्स की स्टे्रंथ, टीचर्स , स्पोट्र्स सहित अन्य प्वाइंट्स पर मूल्यांकन कार्य कराया जाएगा। इसके आधार पर पॉलीटेक्निक शिक्षण संस्थानों की रैंङ्क्षकग रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।


अच्छी रैंकिंग पर फोकस
इस तरह की रैंकिंग से स्टूडेंट्स को भी सहूलियत होगी। वे पहले रैंक के हिसाब से ही संस्थानों का सेलेक्शन करेंगे। एक क्लिक पर उन्हें कालेज के संबंध में जानकारी मिल सकेगी। किस ट्रेड में एजूकेशन क्वालिटी क्या है और प्लेसमेंट का स्टेटस भी पता चल जाएगा। यूपी में 147 राजकीय संस्थान, 19 सहायता प्राप्त और 12 सेल्फ फाइनेंस पॉलिटेक्निक संस्थान हैं।

Posted By: Inextlive