अब प्राइवेट स्कूलों के बोर्ड एग्जाम सेंटर बनने का डगर हुआ कठिन
कानपुर(ब्यूरो)। फरवरी 2024 में होने वाले यूपी बोर्ड एग्जाम में सेंटर बनाने को लेकर बोर्ड ने गाइडलाइन को जारी कर दिया है। बोर्ड की गाइडलाइन में नकल पर लगाम लगाने के लिए कई उपाय किये गये हैैं। बोर्ड ने तय किया है कि एग्जाम सेंटर बनाने में फस्र्ट प्रियारिटी गवर्नमेंट और एडेड स्कूलों को दी जाएगी। इसके बाद आवश्यकता पडऩे पर प्राइवेट स्कूलों को सेंटर बनाया जाएगा। इसके अलावा सेंटर बनने के लिए भी प्राइवेट स्कूलों पर कड़ी गाइडलाइन लागू कर दी गई जिसमें बोर्ड की ओर से मांगी गई इंफार्मेशन पर उनको माक्र्स भी दिए जाएंगे। उन माक्र्स के हिसाब से बनी मेरिट के आधार पर प्राइवेट स्कूलों को सेंटर बनाने के लिए सिलेक्ट किया जाएगा।
प्राइवेट स्कूलों पर कई बंदिशें
प्राइवेट स्कूलों को सेंटर बनाते समय कई प्रकार की बंदिशों को पार करना होगा। बोर्ड की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार कैंपस में प्रिंसिपल या मैनेजर का आवास और हॉस्टल नहीं होना चाहिए। स्कूल के मेन गेट या कैंपस के ऊपर से हाइटेंशन लाइन नहीं गुजरी होनी चाहिए। जिन स्कूलों के 30 परसेंट से ज्यादा स्टूडेंट 2023 के 10वीं और 12वीं के एग्जाम में अबसेंट रहे हैैं, वह सेंटर नहीं बनेंगे। इसके अलावा जिन स्कूलों में 10वीं और 12वीं में 80 स्टूडेंट्स से कम कैपिसिटी होगी उनको भी सेंटर नहीं बनाया जाएगा।
हाईस्पीड इंटरनेट कनेक्शन, ऑडियो और वीडियो रिकार्ड करने वाले सीसीटीवी कै मरे और डीवीआर का होना कंपलसरी है। डीवीआर की रिकार्डिंग क्षमता 30 दिन की होनी चाहिए। क्वेश्चन पेपर और कॉपियों को रखने के लिए डबल लॉक वाली दो अलमारी होनी चाहिए। अग्निशमन यंत्र और आग बुझाने के अन्य साधनों की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा कई अन्य चीजों को भी कंपलसरी करते हुए गाइडलाइन में रखा गया है। विवाद में फंसे स्कूल नहीं बनेंगे सेंटर
जिन प्राइवेट स्कूलों में मैनेजमेंट और प्रिंसिपल के बीच विवाद हो उनको सेंटर नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा एडेड स्कूलों मेें मैनेजमेंट और प्रिंसिपल के बीच विवाद और कंट्रोलर की नियुक्ति नहीं होगी। उनको भी साल 2024 में एग्जाम सेंटर न बनाने के लिए बोर्ड ने डिसीजन लिया है।
ऐसे बनेंगी स्कूलों की मेरिट
विद्यालय का स्तर (10वीं या 12वीं), विद्यालय की कैटेगरी (गवर्नमेंट, एडेड और प्राइवेट), स्कूल में रुम, स्कूल में सीसीटीवी की स्थिति, 2023 में सेंटर बना था या नहीं, बीते साल का 10वीं का रिजल्ट, स्मार्ट क्लास, 10वीं या 12वीं में डिस्ट्रिक टॉपर स्टूडेंट और 10वीं या 12वीं में स्टेट टॉपर स्टूडेंट के आधार पर स्कूलों की मेरिट बनेगी। स्कूलों में मेरिट के माक्र्स समान होने पर जिस स्कूल में 10वीं के स्टूडेंट की संख्या ज्यादा होगी। उसको सेंटर बनाया जाएगा।
डॉ। फतेह बहादुर सिंह, डीआईओएस