पानी अनमोल है इसीलिए पानी की एक-एक बूंद को बचाना जरूरी है. पानी की बर्बादी को रोकर सीधे पानी बचाने के साथ यूज्ड वाटर को रीसाइकिल कर भी पानी बचा सकते हैं. इसको लेकर शहर में पहले से काम चल रहा है. एसटीपी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट कर छोड़े जा रहे पानी का यूज इरीगेशन के लिए किया जा रहा है. जिससे ग्र्राउंड वाटर को बचाया जा सके. अब एसटीपी से छोड़े जाने वाला पानी का यूज पॉवर जेनरेशन में भी होगा.

कानपुर (ब्यूरो)। पानी अनमोल है, इसीलिए पानी की एक-एक बूंद को बचाना जरूरी है। पानी की बर्बादी को रोकर सीधे पानी बचाने के साथ यूज्ड वाटर को रीसाइकिल कर भी पानी बचा सकते हैं। इसको लेकर शहर में पहले से काम चल रहा है। एसटीपी(सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) से ट्रीट कर छोड़े जा रहे पानी का यूज इरीगेशन के लिए किया जा रहा है। जिससे ग्र्राउंड वाटर को बचाया जा सके। अब एसटीपी से छोड़े जाने वाला पानी का यूज पॉवर जेनरेशन में भी होगा। बिनगवां एसटीपी का ट्रीट वाटर पनकी पॉवर हाउस में लगभग तैयार हो चुकी 660 मेगावॉट की नई यूनिट में भेजा जाएगा। इसके लिए पाइप लाइन भी बिछाई जा चुकी है, जो कि पॉवर जेनरेशन में इस्तेमाल होगा।

सिटी में बन चुके 9 एसटीपी
सिटी में वाजिदपुर जाजमऊ, पनका, बिनगवां, सजारी आदि स्थानों को मिलाकर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की संख्या बढक़र 9 हो चुकी है। हालांकि बनियापुर एसटीपी अभी चालू नहीं हुई है। सबसे अधिक एसटीपी वाजिदपुर जाजमऊ में है। यहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से छोड़े जाने वाले पानी के यूज के लिए करीब 25 किलोमीटर इरीगेशन चैनल भी बनी है। जिससे आसपास के प्योंदी, शेखपुर, जाना, किशनपुर आदि गांवों के खेतों तक पानी पहुंचता है। इसी तरह बिनगवां और पनका एसटीपी से भी आसपास के गांवों के खेतों में सिंचाई के लिए पानी दिया जाता है। जाजमऊ, बिनगवां और पनका एसटीपी का बाकी बचा ट्रीट वाटर गंगा व पांडु नदी में जाता है।

ट्रीटमेंट में लापरवाही
इन एसटीपी में सीवेज ट्रीटमेंट में लापरवाही के कई बार मामले सामने आ चुके हैं। यूपी पाल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड ने कार्रवाई भी है। दो वर्ष पहले ही बिनगवां 210, जाजमऊ 130, 43 व 36 एमएलडी प्लांट में अशुद्धियां आदि मिलने पर लगभग 98 लाख रुपए की पेनॉल्टी भी लगाई गई। वहीं प्योंदी, किशनपुर आदि गांवों के लोग भी पानी सही से ट्रीट न किए जाने और बीमारियां फैलने की शिकायत किया करते हैं।

80 परसेंट एसटीपी का पानी
पनकी पॉवर हाउस में लगभग 5800 करोड़ रुपए से 660 मेगावॉट की नई यूनिट लगाई जा रही है। काम अंतिम दौर में है। पनकी पॉवर हाउस के पास ही लोअर गंगा कैनाल निकलती है। बावजूद इसके सेंट्रल गवर्नमेंट की गाइडलाइंस के मुताबिक कैनाल का 20 परसेंट ही नई यूनिट में यूज होगा। वहीं पॉवर जेनरेशन में 80 परसेंट पानी बिनगवां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का यूज होगा। इसके लिए बिनगवां प्लांट से पनकी पॉवर हाउस तक पाइपलाइन भी बिछाई जा रही है। ं

Posted By: Inextlive