अब चुप्पी टूटेगी, हर पीडि़त बोलेगी
- महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर लगाम लगाने के लिए शहर के थानों में शुरू हुई महिला हेल्प डेस्क -बिना किसी हिचक या डरे खुलकर बता सकेंगी अपना दर्द, तुरंत एक्शन के साथ हर 15 दिन में होगी समीक्षा
KANPUR: महिलाओं के खिलाफ बढ़ते आपराधिक मामलों पर लगाम लगाने और पीडि़त महिलाओं की सुनवाई के लिए सैटरडे से शहर के थानों में महिला हेल्प डेस्क शुरू हो गई। कर्नलगंज थाने में हेल्पडेस्क सबइंस्पेक्टर सिंपल रानी और सिपाही अर्पिता व प्रियंका ने महिलाओं की शिकायत सुनी। वहीं साउथ सिटी के जूही थाने में संगीता यादव ने महिलाओं की परेशानी जानी। कोहना, नवाबगंज। चकेरी और स्वरूपनगर थाने में भी महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए डेस्क बनाई गई। हालांकि पहला दिन होने के कारण कई जगह तैयारियां पूरी नहीं हो पाई। अधिकारियों के मुताबिक थाने में आने वाली हर पीडि़ता की शिकायत दर्ज की जाएगी। एक दो दिन के अंदर हेल्पडेस्क में सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए जाएंगे।
टोकन नंबर से होगी पहचानशिकायत करने वाली महिला का पूरा डाटा कंपयूटर में फीड किया जाएगा। अप्लीकेशन को स्कैन कर फोल्डर में फीडिंग होगी जिसका एक टोकन नंबर होगा। जो शिकायत करने वाले और जांच अधिकारी के पास होगा। इस टोकन नंबर को रिकॉर्ड के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। इस पर सील और मोहर भी होगी। शिकायतकर्ता को उसकी अप्लीकेशन की रिसीविंग भी दी जाएगी। जिस पर टोकन नंबर लिखा होगा। टोकन में सारी जानकारी होगी। रिसेप्शन थाना प्रभारी और बीट प्रभारी को शिकायत कर्ता के बारे में जानकारी देगा।
हेल्प डेस्क में ये होगी व्यवस्था - कांच के पारदर्शी कमरे में बिजली, पंखा और पीने के पानी का इंतजाम - शिकायतकर्ता के बैठने का इंतजाम और कैमरे की व्यवस्था होगी। - एक कर्मचारी शिकायतकर्ता को पानी और चाय पिलाने के लिए होगा। - शिकायतकर्ता को अपनी शिकायत लिखने के लिए स्टेशनरी दी जाएगी। - 2 व्यवहार कुशल, सॉफ्ट स्पोकेन महिला सिपाहियों की ड्यूटी होगी - 8-8 घंटे की शिफ्ट में 24 घंटे हेल्पडेस्क काम करेगी - सीओ हर 15 दिन में हेल्पडेस्क में आई शिकायतों की समीक्षा करेंगे - अंग्रेजी की जानकारी वाली महिला पुलिसकर्मी तैनात की जाएंगी। इतनी जानकारी पुलिस के पास होगी -थाने में नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी के बीटवार नाम और मोबाइल नंबर -थाने में बीटवार हल्का इंचार्ज, बीट सिपाही, ग्राम प्रधान और चौकीदार का डिटेल - थानाक्षेत्र में पड़ने वाले सरकारी और निजी अस्पताल के डॉक्टर्स नाम व मो। नंबर- डिजिटल वालंटियर ग्रुप के सदस्यों के नाम और नंबर फीड किए जाएंगे।
- संबंधित मजिस्ट्रेट, लेखपाल, तहसीलदार, कानूनगो के नाम और नंबर फीड होंगे। - पीस कमेटी और संभ्रांत लोगों के साथ सीएमओ और सीएमएस के फोन नंबर - पीआरवी और मोबाइल पर तैनात कर्मचारियों के नंबर भी फीड होंगे। ''थानों को आदेश दे दिए गए हैं। 19 अक्टूबर से पूरी तरह महिला हेल्प लाइन डेस्क एक्टिव हो जाएगी। इससे पहले महिला पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है.'' डॉ। प्रीतिंदर सिंह, डीआईजी कानपुर