पांच मिनट में फुल होगा वॉटर टैंक
कानपुर(ब्यूरो)। ट्रेन में सफर के दौरान अक्सर पैसेंजर्स को टॉयलेट या हैंड वॉश के लिए पानी नहीं मिलता। वाटर टैंक खाली हो जाता है। कई बार तो पानी के लिए चेन पुलिंग और प्लेटफार्म पर पैसेंजर्स को हंगामा भी करना पड़ता है। यात्रियों की इस समस्य को दूर करने के लिए अब रेलवे टेक्नोलॉजी का यूज करेगा। एनसीआर रीजन के कई ए-1 क्लास के स्टेशनों में कम्प्यूटर बेस्ड टेक्निक के तहत हाई प्रेशर के साथ कोच के वॉटर टैंक में पानी की सप्लाई की जाएगी। इससे वर्तमान की अपेक्षा एक तिहाई समय यानि लगभग 5 मिनट में टैंक फुल हो जाएगा। टेक्निक के जरिए अधिकारी मॉनीटरिंग भी कर सकेंगे।एक तिहाई टैंक भर पाता
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में लो प्रेशर से ट्रेनों के कोच में स्टेशनों पर पानी भरा जाता है। स्टेशन में ट्रेन के निर्धारित समय पर अभी कोच का एक तिहाई वॉटर टैंक ही पानी से भर पाता है। लिहाजा लंबी दूरी की ट्रेनों में रेल पैसेंजर्स को टॉयलेट व हैंड वॉश के लिए पानी की समस्या से रूबरू होना पड़ता है। नए सिस्टम के तहत कोच के पानी के टैंक पांच मिनट में भरे जा सकेंगे।
पायल प्रोजेक्ट में पांच स्टेशन
प्रयागराज डिवीजन के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत एनसीआर रीजन के कानपुर समेत पांच स्टेशनों पर यह सुविधा जल्द शुरू करने की कवायद चल रही है। सब कुछ सही रहा तो दो से तीन महीने के अंदर ट्रेन के कोचों में कम्प्यूटर आधारित प्रणाली से पानी भरने का काम शुरू हो जाएगा। जिसके बाद ट्रेन के कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर स्टॉपेज के निर्धारित समय पर कोच के पानी टैंक फुल हो जाएंगे। रिकॉर्ड रहेगा मेनटेन, मॉनीटरिंग भी होगीरेलवे अधिकारियों के मुताबिक ट्रेनों में कंप्यूूटर आधारित प्रणाली से वाटर सप्लाई करने से रिकार्ड भी मेनटेन हो सकेगा। जैसे किस-किस ट्रेन में कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर वॉटर सप्लाई की गई। किस ट्रेन में कितने लीटर वाटर सप्लाई की गई। ट्रेन में अक्सर पानी सप्लाई में स्टाफ द्वारा की जाने वाली लापरवाही का खामियाजा रेल पैसेंजर्स को जर्नी के दौरान उठाना पड़ता है। कम्प्यूटर आधारित प्रणाली से वॉटर सप्लाई होने से पूरा रिकॉर्ड अधिकारियों तक होगा। पैसेंजर्स की जर्नी के दौरान पानी की समस्या को लेकर की गई शिकायत से लापरवाह स्टाफ को आसानी से चिन्हित किया जा सकेगा। - 278 से अधिक पैसेंजर्स ट्रेनों का डेली आवागमन- 10 लाख से अधिक पैसेंजर्स इन ट्रेनों में डेली करते जर्नी
- 150 से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनें भी रुकती हैं यहां - 5 मिनट के अंदर कोच का वॉटर टैंक फुल हो जाएगा- 15 से 20 मिनट वर्तमान में एक कोच का टैंक फुल होने में लगते- 5 मिनट के स्टॉपेज में एक तिहाई टैंक ही भर पाता है -------------------------पैसेंजर्स की समस्या को देखते हुए रेलवे पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह सुविधा शुरू करने जा रहा है। नई व्यवस्था लागू होने से दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेनों में जर्नी करने वाले लाखों पैसेंजर्स को काफी राहत मिलेगी। अमित सिंह, पीआरओ, प्रयागराज डिवीजन