सोने-चांदी के जेवरों की क्वॉलिटी को लेकर ट्रांसपेरेंसी के लिए हॉलमार्किंग कंपलसरी करने के बाद जूते-चप्पल की गुणवत्ता को लेकर भी मानक तय किए जा रहे हैं. फुटवेयर से जुड़े 13 तरह के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स बीआईएस ने तय कर दिए हैं. इसमें रबड़ और प्लास्टिक के इस्तेमाल से तैयार होने वाली स्लीपर हवाई चप्पल से लेकर जूते व सैंडल्स शामिल हैं.

कानपुर(ब्यूरो)। सोने-चांदी के जेवरों की क्वॉलिटी को लेकर ट्रांसपेरेंसी के लिए हॉलमार्किंग कंपलसरी करने के बाद जूते-चप्पल की गुणवत्ता को लेकर भी मानक तय किए जा रहे हैं। फुटवेयर से जुड़े 13 तरह के प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के मानक ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस)ने तय कर दिए हैं। इसमें रबड़ और प्लास्टिक के इस्तेमाल से तैयार होने वाली स्लीपर, हवाई चप्पल से लेकर जूते व सैंडल्स शामिल हैं। जिन पर अलग अलग इंडियन स्टैंडर्ड के हिसाब से मुहर भी लगेगी। साथ ही यह प्रोडक्ट्स बीआईएस के मानकों के हिसाब से हैं या नहीं यह भी बीआईएस चेक करेगा।

हर प्रोडक्ट पर मानक चिन्ह
मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स की ओर से तीन जून को इस बाबत नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। जिसके तहत फुटवेयर प्रोडक्ट्स को क्वालिटी कंट्रोल के दायरे में लाया गया है। यह मानक एक जुलाई 2023 से लागू होंगे। बीआईएस-2018 की अनुसूची दो के अनुसार इन प्रोडक्ट्स पर मानक चिन्ह भी लगा होगा। यह आदेश एक्सपोर्ट किए जाने वाले माल पर लागू नहीं होगा। लेदर को छोड़ रबड़ और पालीमेरिक से बने फुटवेयर प्रोडक्ट्स पर बीआईएस के मानक लागू होंगे। बता दें कि अभी तक जूते चप्पल की क्वालिटी को लेकर कोई मानक तय नहीं थे। लोग ब्रांड की गुडविल और कीमत के हिसाब से करते थे।

छोटे कारोबारियों के लिए मुश्किल
बीआईएस की हॉलमार्किंग कमेटी के मेंबर और कैट के राष्ट्रीय सचिव पंकज अरोरा ने बताया कि फुटवेयर पर बीआईएस के मानकों की बाध्यता को कैट के प्रयासों से एक साल के लिए स्थगित कराया गया है.छोटे निर्माता और व्यापारी जो सस्ते जूते चप्पल बनाते हैं। उनके लिए बीआईएस के मानकों का पालन कर पाना बेहद मुश्किल है। वह अपने स्तर पर भी तैयार माल की गुणवत्ता बेहतर रखने का प्रयास करते हैं।

इन फुटवेयर आइटम्स पर बीआईएस
इंडस्ट्रिीयल और प्रोएक्टिव रबड़ नी व एंकल बूट, रबड़ के बने गम बूट और एंकल बूट, मोल्डिड सॉलिड रबड़ सोल और हील्स, सोल और हील्स के लिए रबड़ माइक्रोसेल्युलर शीट्स, पीवीसी सैंडेल, रबड़ की हवाई चप्पल, स्लिपर रबड़, पालीविनाइल क्लोराइड इंडस्ट्रियल बूट, पालीयूरेथेन सोल, अनलाइंड मोल्डेड रबड़ बूट, मोल्डेड प्लास्टिक फुटवेयर, औद्योगिक इस्तेमाल लिए लाइंड व अनलाइंड पालीयूरेथेन बूट, नगर निगम के सफाई कार्यो के लिए महिलाओं व पुरुषों के लिए फुटवेयर।
फैक्टफाइल-
10 हजार- छोटी बड़ी जूता-चप्पल निर्माण इकाइयां भारत में
1.5 लाख- व्यापारी फुटवियर के कारोबार से जुड़े पूरे भारत में
1500- यूनिटें कानपुर में सैंडल और चप्पल बनाने वाली
1000 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर कानपुर के जूता कारोबार से
45 हजार- लोग कानपुर में चप्पल और फुटवेयर इंडस्ट्री से जुड़े
375 करोड़- रुपए का जूते चप्पल का सलाना का एक्सपोर्ट कानपुर से

Posted By: Inextlive