कमिश्नरेट में ताबड़तोड़ मोबाइल चोरी छिनैती और लूट की वारदातें होती हैैं. राह चलते सबसे ज्यादा मोबाइल की लूट होती है. लेकिन पुलिस मोबाइल लूट छिनैती या चोरी को अपराध मानती ही नहीं है. डीसीपी वेस्ट विजय ढुल की टीम ने 101 मोबाइल बरामद मंडे को उनके ओनर्स को बुलाकर सौंप दिया. लेकिन खास बात ये है कि इन 101 मोबाइल में एक भी पुलिस के रिकॉर्ड चोरी लूट या छिनैती के रूप में दर्ज नहीं था. मोबाइल बरामद कर उनके ओनर्स को सौंपकर पुलिस ने निसंदेह सराहनीय कार्य किया है लेकिन सवाल ये उठता है कि जब मोबाइल चोरी लूट या छिनैती के केस दर्ज ही नहीं किए गए तो इनती संख्या में बरामद कहां से हो गए? इसका जवाब न तो फोन बरामद करने वाली सर्विलांस टीम के पास है और न ही डीसीपी के पास.

कानपुर (ब्यूरो) पुलिस टीम द्वारा बरामद 101 मोबाइल फोन की कीमत करीब 15 लाख रुपए बताई गई। इसके बाद उसके मालिकों को वितरित कर लिया। लूट, चोरी और खोए हुए मोबाइल महीनों बाद पाकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मोबाइल फोन्स को वेस्ट जोन की सर्विलांस सेल ने खोज निकाला। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड ने बताया कि कानपुर पुलिस कमिश्नरेट सिर्फ अपराध में ही नहीं, खोए मोबाइल रिकवर करने में भी उपलब्धि हासिल की है। डीसीपी वेस्ट की सर्विलांस टीम ने शानदार प्रदर्शन करके 15 लाख कीमत के 101 मोबाइल बरामद कर पब्लिक में खाकी के प्रति विश्वास को बढ़ाया है।

सीपी ने की अपील
पुलिस कमिश्नर ने पब्लिक से अपील करते हुए कहा कि अगर आपका भी मोबाइल कहीं गुम हो जाए, चोरी या लूट के शिकार हो जाते हैं तो सबसे पहले एफआईआर दर्ज कराएं। अगर थाने में सुनवाई नहीं होती है तो संबंधित एसीपी और डीसीपी से शिकायत करें। इसके बाद भी लापरवाही होती है तो सीधे उनसे मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। वेस्ट जोन सर्विलांस टीम प्रभारी दरोगा शिव प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल हरिओम यादव, कांस्टेबल अवधेश कुमार, धर्मेंद्र सिंह, संजय और कांस्टेबल परशुराम ने मोबाइल रिकवर करने में अपनी अहम भूमिका निभाई।

इसलिए नहीं करते हैं दर्ज
दरअसल किसी का मोबाइल फोन लूट लिया जाता है या फि चोरी हो जाता है और वो अपनी रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचता है तो उस पर मोबाइल कहीं गिर जाने या खो जाने की तहरीर देने पर मजबूर किया जाता है। अपराध का ग्राफ न बढ़े इसलिए पुलिस लूट या चोरी का मामला दर्ज नहीं करती। वहीं बहुत से पीडि़त लोग ऑनलाइन एप की मदद से ही मोबाइल खोने की रिपोर्ट दर्ज करा देते हैं जिससे उनके मोबाइल का मिसयूज न हो सके और उन्हें नया सिम मिल जाए।

Posted By: Inextlive