kanpur@inext.co.in kanpur : बिकरू कांड में 82 साल के बुजुर्ग रिटायर्ड सीओ बृजेन्द्र सिंह ने लिखित में अपने बयान दाखिल कर दिए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि है कि विकास दुबे के भाई दीपक और अविनाश दुबे की लाइसेंस रिपोर्

- बिकरू कांड में 82 साल के बुजुर्ग तत्कालीन सीओ बृजेन्द्र सिंह ने दर्ज कराए बयान

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KANPUR : बिकरू कांड में 82 साल के बुजुर्ग रिटायर्ड सीओ बृजेन्द्र सिंह ने लिखित में अपने बयान दाखिल कर दिए हैं। जिसमें उन्होंने कहा कि है कि विकास दुबे के भाई दीपक और अविनाश दुबे की लाइसेंस रिपोर्ट पर जो हस्ताक्षर हैं, वे उनके नहीं है। उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देते हुए ये भी कहा है कि अब ज्यादातर बातें याद नहीं रह गई हैं। सीओ के इन बयानों को पुलिस अधिकारी रिकॉर्ड में शामिल करेंगे।

स्वीकृति से पहले दर्ज थे मुकदमे

एसआईटी जांच में बृजेन्द्र सिंह पर आरोप लगा था कि जब वह 1997 में सीओ रसूलाबाद पद पर तैनात थे उस दौरान थाना शिवली और रसूलाबाद उन्हीं के क्षेत्र में आता था। वहीं दीपक दुबे का पहला शस्त्र लाइसेंस(डीबीबीएल)1 सितम्बर 1997 को जारी हो गया था। जबकि शस्त्र लाइसेंस बनने से पहले उसके खिलाफ शिवली थाने में एफआईआर दर्ज थी। एसआईटी जांच में सामने आया है कि सीओ ने बिना जांच पड़ताल 12 जुलाई 1997 को लाइसेंस की परमीशन दे दी थी। विकास के दूसरे भाई अविनाश के शस्त्र लाइसेंस को भी बिना जांच के 1 सितम्बर 1997 को स्वीकृति दे दी थी। जबकि लाइसेंस स्वीकृत होने से पूर्व उनके खिलाफ विभिन्न थानों में सात मुकदमे दर्ज हो चुके थे।

बाबू ने तो नहीं किए हस्ताक्षर?

सीओ के हस्ताक्षर से इंकार करने की बात से कहानी में नया मोड़ आ गया है। अब पुलिस अधिकारी इस बात की जानकारी कर रहे हैं कि उस दौरान उनकी पेशी पर बड़ा बाबू और बाबू कौन था। कहीं ऐसा तो नहीं कि सीओ की मोहर लगाकर उन्हीं में से किसी एक ने हस्ताक्षर कर दिए हों।

Posted By: Inextlive