- देश की प्रामिनेंट टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 50 फीसदी भी परमानेंट फैकल्टी नहीं, कैसे मिले क्वॉलिटी एजूकेशन

- स्टूडेंट्स का रिसर्च वर्क होता है प्रभावित, ढंग से नहीं हो पाती है लैब, गेस्ट फैकल्टी के सहारे चलाया जा रहा काम

KANPUR: देश की प्रॉमिनेंट टेक्निकल यूनिवर्सिटी एचबीटीयू एक दशक से भी ज्यादा समय से फैकल्टी क्राइसिस से जूझ रही है। जिससे स्टूडेंट्स को क्वॉलिटी एजूकेशन नहीं मिल पा रही है। रिसर्च वर्क भी सही से नहीं हो पा रहा है। लैब में प्रैक्टिकल करने में भी स्टूडेंट्स को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ये है कि सेंक्शन पोस्ट की 50 फीसदी भी परमानेंट फैकल्टी नहीं है।

131 में सिर्फ 58 फैकल्टी

एचबीटीयू में 2500 से ज्यादा स्टूडेंट्स टेक्निकल एजूकेशन हासिल कर रहे हैं। एचबीटीआई के समय से यहां फैकल्टी की 131 पोस्ट स्वीकृत हैं जिसमें 58 फैकल्टी ही वर्तमान में हैं। इनमें में तीन फैकल्टी मेंबर दूसरे संस्थानों में डायरेक्टर व वीसी के पद पर कार्यरत हैं। कंप्यूटर साइंस के प्रो। विनय पाठक एकेटीयू के वीसी हैं। डॉ। रचना अस्थाना एआईटीएच में डायरेक्टर हैं। डॉ विपिन तिवारी बिजनौर इंजीनियरिंग कॉलेज में डायरेक्टर हैं।

आयल व लेदर पर संकट है

लेदर और ऑयल टेक्नोलॉजी विभाग की हालत सबसे ज्यादा खराब है। लेदर के लिए चार पोस्ट स्वीकृत हैं लेकन वर्तमान में सिर्फ एक फैकल्टी है। इसी तरह ऑयल टेक्नोलॉजी में 6 पोस्ट में सिर्फ दो फैकल्टी हैं।

वर्जन

फैकल्टी की कमी से एजूकेशन की क्वॉलिटी प्रभावित होती है। परमानेंट फैकल्टी पर लोड बहुत ज्यादा है। रिसर्च वर्क में दिक्कत आती है। स्टूडेंट्स की लैब भी प्रभावित होती है। गेस्ट फैकल्टी और नेशनल प्रोजेक्ट इम्प्लीमेंटेशन यूनिट मेंबर से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है।

प्रो। मनोज कुमार शुक्ला, रजिस्ट्रार एचबीटीयू

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फैक्ट फाइल

13 टेक्निकल ब्रांच में पढ़ाई होती है यूनिवर्सिटी में

620 स्टूडेंट्स को फ‌र्स्ट इयर में एडमिशन मिलता है

25 सौ से ज्यादा बच्चे यूनिवर्सिटी में ले रहे हैं शिक्षा

131 फैकल्टी की पोस्ट स्वीकृत हैं संस्थान के लिए

58 फैकल्टी मेंबर्स ही वर्तमान में यूनिवर्सिटी में कार्यरत

12 साल से लगातार फैकल्टी क्राइसि बनी हुई है यहां

Posted By: Inextlive