घर में डेथ तो डॉक्टर की रिपोर्ट जरूरी नहीं
- डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए डॉक्टर की रिपोर्ट के लिए भटक रहे कई लोग
- नगर निगम में अप्लाई करते वक्त अब फॉर्म-4क जरूरी नहीं, जांच की जाएगी केस-1 मिर्जापुर, कल्याणपुर निवासी पुष्पा मिश्रा का देहांत 29 अप्रैल को हॉस्पिटल ले जाते वक्त रास्ते में हो गया था। बेटे सौरभ मिश्रा ने बताया कि आवेदन करते वक्त डॉक्टर की रिपोर्ट मांगी गई। लेकिन कोई भी डॉक्टर लिख कर देने को तैयार नहीं हैं। केस-2 आवास विकास-3 निवासी विवेक कुमार की 17 अप्रैल को हैलट ले जाते वक्त रास्ते में ही कोरोना से डेथ हो गई थी। वाइफ वंदना ने बताया कि अभी तक कई डॉक्टर से गुजारिश की, लेकिन कोई भी फॉर्म-4 क को सर्टिफाई करने को तैयार नहीं हुआ।KANPUR : कोरोना से हुई मौतों को देखते हुए डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के प्रॉसेस में कुछ बदलाव किए गए हैं। अब डॉक्टर की रिपोर्ट के बिना भी डेथ सर्टिफिकेट के लिए लोग आवेदन कर सकते हैं। अभी तक डेथ सर्टिफिकेट में घर या रास्ते में होने वाली मौत पर भी डॉक्टर का डेथ सर्टिफिकेट और फॉर्म-4क भरना कम्पलसरी होता था। ऐसे में हॉस्पिटल के बाहर जिनकी डेथ हुई, उनके परिजन डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के डॉक्टर्स के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन कोई भी डॉक्टर बिना बॉडी को देखे रिपोर्ट देने को तैयार नहीं है। ऐसे में सैकड़ों लोग परेशान हैं।
फॉर्म-4क की बाध्यता समाप्त नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा। अजय संखवार के मुताबिक कोरोना के चलते लगभग 40 परसेंट मौतें घर पर या हॉस्पिटल के बाहर हुई हैं। ऐसे में आवेदनकर्ता को डेथ सर्टिफिकेट बनवाने में प्रॉब्लम न आए, इसके लिए फार्म-4क की बाध्यता को कुछ वक्त के लिए समाप्त किया गया है। सैकड़ों की तादाद में आ रहे आवेदनों को 45 दिन में जारी करने की जगह 7 दिन में ही जारी किया जा रहा है। डेथ सर्टिफिकेट के आवेदनों में दिए गए एड्रेस पर 3 दिन में जांच रिपोर्ट मंगाकर 1 हफ्ते में डेथ सर्टिफिकेट जारी हो रहा है। ------------ ये डॉक्यूमेंट हैं जरूरी -आवेदन फॉर्म -मृतक का आधार कार्ड -आवेदनकर्ता का आधार कार्ड -दाह संस्कार की ओरिजनल पर्ची ------------ बॉक्स कैंप में फ्री बांटे गए 800 फॉर्मनगर निगम मुख्यालय में डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आ रहे लोगों को आवेदन फॉर्म और फॉर्म-4 नगर निगम कर्मियों ने कैंप लगाकर फ्री में दिया। संयुक्त वाहन चालक व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार ने बताया कि 5 दिन के कैंप में 800 लोगों को फॉर्म दिए गए। इसमें 530 फॉर्म विभाग में सब्मिट किए जा चुके है और करीब 300 आवेदन स्वीकार होकर बन भी गए हैं। बता दें कि आवेदन फॉर्म 5 रुपए का आता है। इसे नगर निगम कर्मियों ने अपने पैसे से खरीदकर आवेदनकर्ताओं को फ्री में दे रहे हैं।