हैलट में खत्म हो गई एंटीबायोटिक दवाएं
कानपुर(ब्यूरो)। हैलट में गंभीर पेशेंट को दी जाने वाली एंटीबायोटिक दवाएं खत्म हो चुकी है। लिहाजा पेशेंट को बाजार से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। बुखार, जुकाम, डायरिया और पेट के मरीज बढ़े हैं पर पैरासिटामॉल इंजेक्शन भी नहीं हैं। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन को लगातार पत्र लिखने के बाद भी दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है।
औसतन 850 मरीज भर्ती रहते
हैलट अस्पताल में नगर समेत 16-17 जिलों से गंभीर मरीज रेफर होकर आते हैं.उच्च चिकित्सकीय संस्थान होने की वजह सच् अच्छी एंटीबायोटिक जरूरी हैं। फिर भी यूपीएमएससी आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। जो दवाएं देता है, उनके नमूने फेल हो रहे हैं। आपूर्तिे गड़बड़ाने से मरीजों को एंटीबायोटिक इंजेक्शन सेफ्ट्रियाक्सोन इंजेक्शन, एमोक्सिसिलिन इंजेक्शन और पिपजो (पिपरासिलिन-टेजोवेक्टम) नहीं मिल रहे हैं। बुखार के मरीजों को पैरासिटामाल के 100 व दो एमएल वायल के इंजेक्शन नहीं हैं। अस्पताल की बेड क्षमता 1655 है, जहां औसतन साढ़े आठ सौ मरीज भर्ती रहते हैं।
हैलट अस्पताल में इमरजेंसी, इनडोर व आउटडोर को मिलाकर डेली 12 सौ इंजेक्शन की खपत होती है। जिसमें से आठ सौ सेफ्ट्रियाक्सोन इंजेक्शन, इसके अलावा एमोक्सिसिलिन व पिपजो इंजेक्शन हैं। आइसीयू, एचडीयू और सर्जिकल वार्डों में गंभीर मरीजों को मेरोपेनम लगते हैं।
मेडिकल कालेज में इंजेक्शन के रेट
- 30 रुपए सिफ्ट्रियाक्सोन इंजेक्शन का एक वायल, जबकि बाहर 70 से 100 रुपये में
- 200 रुपए पिपजो इंजेक्शन का एक वायल, जबकि बाहर पांच सौ से 1000
- 250 रुपए मेरोपेनम इंजेक्शन का एक वायल आरसी में, जबकि बाहर 1000 से 2500 रुपए
&& इमरजेंसी और इनडोर में दवाओं की समस्या आ रही है। दवाओं के आर्डर देने के बाद भी यूपीएमएससी सप्लाई नहीं कर रहा है। कई बार रिमांडर भी दिए हैं। शासन को समस्या बताने पर यूपीएमएससी ने ट्यूजडे तक का समय मांगा है। समस्या की गंभीरता को देखते हुए प्राचार्य ने 18 लाख रुपये की दवाएं मेडिकल कालेज की स्थानीय आरसी पर खरीदने के लिए आर्डर दिए हैंं.&य&य
प्रो। आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, हैलट हॉस्पिटल