सिटी में चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर एक्सीडेंट में होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है. नेशनल हाइवे के कट हों या फिर सडक़ों के किनारे खड़े होने वाले ट्रक. कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. लिहाजा यह रात में राहगीरों के लिए काल बन रहे हैं. 2022 वित्तीय वर्ष में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट पर जिम्मेदार डिपार्टमेंट ने खानापूर्ति की है. इसकी वजह से हालात जस के तस बने हुए हैं.


कानपुर(ब्यूरो)। सिटी में चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर एक्सीडेंट में होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। नेशनल हाइवे के कट हों या फिर सडक़ों के किनारे खड़े होने वाले ट्रक। कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। लिहाजा यह रात में राहगीरों के लिए काल बन रहे हैं। 2022 वित्तीय वर्ष में चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट पर जिम्मेदार डिपार्टमेंट ने खानापूर्ति की है। इसकी वजह से हालात जस के तस बने हुए हैं। गौरतलब है कि हर वर्ष सिटी के नए ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उनमें जेब्रा क्रासिंग, ब्रेकर, यू टर्न साइन बोर्ड समेत अन्य काम किए जाते है। जिससे वहां पर होने वाले एक्सीडेंट की संख्या न के बराबर हो जाए। सुधार के नाम पर खानापूर्ति


आरटीओ व ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों की टीम ने इस वर्ष सिटी में 26 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए थे। जिसमें आए दिन एक्सीडेंट होते रहते है। ब्लैक स्पॉट में किए जाने वाले सुधार को लेकर एक रिपोर्ट ट्रैफिक व आरटीओ डिपार्टमेंट ने तैयार कर जिम्मेदार डिपार्टमेंट को सौंपी थी। जहां सुधार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई थी। लिहाजा वर्तमान में ब्लैक स्पॉट की स्थिति जस की तस है। उदाहरण के तौर पर रामादेवी-प्रयागराज रोड पर एगहरा मोड़ पर आए दिन एक्सीडेंट होता है। जहां डिवाइडर के पेड़ तक नहीं छांटे गए है। जिससे यू टर्न वाले व्हीकल ड्राइवर को आपोजिट तरफ से आने वाले व्हीकल को आसानी से दिख सके। 80 परसेंट ब्लैक स्पॉट एनएचआईए में ट्रैफिक व आरटीओ डिपार्टमेंट के अधिकारियों की संयुक्त टीम के चिन्हित किए गए ब्लैक स्पॉट में 80 परसेंट ब्लैक स्पॉट एनएचआईए में है। लिहाजा उनको सुधार पर एनएचआईए के अंडर में आता है। ब्लैक स्पॉट में सुधार व बदलाव करने की जिम्मेदारी भी इसी डिपार्टमेंट की है। इसके बावजूद ब्लैक स्पॉट में कोई ऐसा बदलाव नहीं किया गया। जिससे एक्सीडेंट में अंकुश लगाया जा सके। 40 परसेंट एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट परट्रैफिक पुलिस के एक्सीडेंट आंकड़ों के मुताबिक सिटी में होने वाले एक्सीडेंट में 40 परसेंट एक्सीडेंट चिन्हित ब्लैक स्पॉट में होते है। इसको देखते हुए ही ब्लैक स्पॉट में सुधार व कमियों को दूर करने के लिए टीम का गठन होता है। टीम की रिपोर्ट के बावजूद जिम्मेदारी डिपार्टमेंट इन ब्लैक स्पॉट में मौजूद खामियों को दूर करने की बजाए कागजों में सब दुरुस्त होने की बात दर्शा देता है। यह किए जाते सुधार- जेब्रा क्रासिंग- स्ट्रीट लाइट - ब्रेकर - साइन बोर्ड - रेडियम युक्त साइन बोर्ड

- स्पॉट के 100 मीटर पहले चेतावनी बोर्ड - अवैध यू टर्न को बंद करना - एनएचआईए के यू टर्न के पास पेड़ों की छंटाई ------------------------यह चिन्हित हïुए ब्लैक स्पॉट जाजमऊ, रामादेवी चौराहा, यशोदा नगर बाईपास, अहिरवां अंडरपास, नौबस्ता चौराहा, परास चौराहा, चकरपुर मंडी, किसान नगर, पनकी पड़ाव, नर्वल मोड़, हाथीपुर मोड़, रूमा, भौंती चौराहा, कुष्मांडा माता तिराहा, जवाहर नाला कुंआ खेड़ा, अफजलपुर फाटकपुर, हरवंशपुर रमईपुर, कालपी रोड चौराहा, बर्रा बाईपास, रामपुर दुर्गा मंदिर, ब्रम्हदेव मंदिर, भदरस मोड़, शंभुआ पुल, नारामऊ, धुधुआ पुल, एलएमएल चौराहा-----------------------ब्लैक स्पॉट को चिन्हित कर उनका सर्वे किया जाता है। सर्वे के दौरान आरटीओ प्रवर्तन व ट्रैफिक विभाग के अधिकारी ब्लैक स्पॉट की खामियों को चिन्हित कर उसको दूर करने के लिए जिम्मेदार डिपार्टमेंट को निर्देशित करता है। कोहरे के मौसम को देखते हुए सर्वे कर लिस्ट तैयार की गई है। जिसमें सुधार करने के लिए जिम्मेदार डिपार्टमेंट के अधिकारियों को लेटर भेजा गया है। सुनील दत्त, एआरटीओ, प्रवर्तन

Posted By: Inextlive