जावेद ने किया था बवालियों के ठहरने का पूरा इंतजाम
कानपुर (ब्यूरो)। शहर में तीन जून को हुए बवाल और इसके जरिए पूरे देश को अस्थिर करने साजिश की जांच कर रही एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। उपद्रव के लिए बाहर से बुलाए गए बवालियों की कुंडली मिल गई है, उनकी तस्वीरें भी सामने आ गई हैैं। उन्हें कहां और किस होटल में ठहराया गया था, इसकी भी पूरी जानकारी मिल गई। अब एजेंसियां सिर्फ यह पता लगा रही हैं कि बाहर से बुलाए गए ये बवाली रुपये का लालच देकर बुलाए गए थे या सिर्फ धर्म के नाम पर।
एजेंसी को मिली सफलता
पुलिस के पास मौजूद तकनीक से यह जानकारी सामने आई है कि तीन जून को इस इलाके में कितने नए नंबर चल रहे थे। इन नंबरों की सेम डे लोकेशन ट्रेस की गई तो परेड और नई सडक़ से 20 किलोमीटर दूर मिली। सटीक लोकेशन की तलाश में लगी टीम को एक ऐसा नंबर मिला जो इन सभी बवालियों के नंबर पर कॉमन था, वो नंबर था हयात जफर हाशमी के राइट हैैंड जावेद का। जावेद के नंबर की स्टडी करने पर दो दर्जन से ज्यादा लोगों की जानकारी हुई। इसके बाद होटलों जानकारी जुटाई गई।
कई होटलों में दिखा जावेद
एनआईए सूत्रों की मानें तो कई होटलों के फुटेज चेक किए गए। किसी भी होटल के रजिस्टर में इंट्री नहीं मिलने पर निराशा हुई लेकिन तभी पता चला कि होटल के सीसीटीवी में जावेद दिख रहा है। इसके बाद कड़ी से कड़ी जोडक़र दो दर्जन से ज्यादा फुटेज मिलीं, जिसकी पहचान कानपुर और आस पास के लोग नहीं कर सके। बताया गया कि ये सभी कानपुर के बाहर के थे। प्रयागराज से आने वालों को सरसौल से लेकर रामादेवी के बीच होटल में रोका गया। लखनऊ से आए लोगों को उन्नाव और शुक्लागंज में रोका गया और ानपुर देहात और औरैया से आए बवालियों को सचेंडी और रनियां में रोका गया।
किस वाहन का किया यूज?
पुलिस ने बवालियों की फुटेज से होटल की तस्वीरों का मिलान किया कई चेहरे हूबहू थे। अब एजेंसी का टारगेट इन सभी की पहचान करना है। दरअसल इनका कोई भी सूत्र नहीं है, तस्वीरें आस-पास के जिले में भेज कर लोकल पुलिस की मदद से इनकी तलाश शुरू की गई है। अब तक इन बवालियों के जो सूत्र सामने आए थे वे सभी साइलेंट हैैं। एक बात और सामने आई है कि जो लोग दूसरे जिलों से बुलाए गए थे, वे न तो किसी से बात कर रहे थे और न ही किसी के साथ चल रहे थे। वे प्रोफेशनल क्रिमिनल की तरह आए और वारदात को अंजाम देकर निकल गए। किस रास्ते बवाली वापस गए? किस किस से मिले? कौन सा नंबर इस्तेमाल किया? किस वाहन से आए गए? इन सवालों की जानकारी अभी तक नहीं हो पा रही है।
तीन दिन पहले नई सडक़ के बवाल का पाकिस्तान से संपर्क खुलने के बाद एनआईए ने शहर आकर जांच शुरू की थी। एनआईए सूत्रों की मानें तो कई इविडेंस इस तरफ इशारा कर रहे हैैं कि बवालियों को पड़ोसी देश से फंडिंग की गई थी। पैसा हवाला के जरिए मंगाया गया था और लोकल एजेंट को सारी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लोकल एजेंटों ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। अब इसके आगे के काम में जिले की लोकल पुलिस की हेल्प लेनी है। सभी जिलों की रिपोर्ट कलेक्ट कर ली गई है। अगला स्टेप धरपकड़ का होगा।