कानपुर से चोरी मोबाइल फोन नेपाल में खपाए जा रहे
- चोरी होने वाले मोबाइल फोन का सबसे बड़ा बाजार बन गया है नेपाल, दूसरा नंबर बांग्ला देश का
-आईएमईआई नंबर भी कर देते हैं चेंज, सर्विलांस पर लगाने के बाद भी पुलिस नहीं कर पाती है ट्रेसkanpur@inext.co.inKANPUR : अगर आपको मोबाइल फोन चोरी हो गया है या लूट लिया गया है तो उसके वापस मिलने की उम्मीद मत कीजिएगा। क्योंकि आपका मोबाइल देश की सीमा पार करके नेपाल पहुंच गया है। यही वजह है कि शहर में चोरी होने वाले मोबाइल फोन का पुलिस बमुश्किल सुराग लगा पाती है। इसका ग्राफ पिछले दो सालों से अचानक बढ़ गया है। कानपुर पुलिस की रिपोर्ट के म़ुताबिक कानपुर से चोरी हुए सबसे ज्यादा मोबाइल पड़ोसी देश नेपाल में खपाए जा रहे हैं। लेकिन सवाल है कि जब मोबाइल यूजर पुलिस को आईएमईआई नंबर उपलब्ध करा देते है तो पुलिस मोबाइल फोन को क्यों नहीं ढूंढ पाती है।
पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता
आइए आपको बताते है कि पुलिस क्यों मोबाइल ढूंढ नहीं पाती है। इसकी वजह है कि अब हर मोबाइल चोर को पता है कि पुलिस आईएमईआई नंबर से मोबाइल को ट्रेस कर सकती है। इसलिए अब चोरी के मोबाइल फोन नेपाल में बेचे जा रहे है। वहां पर आसानी से आईएमईआई नंबर को ब्रेक होने से चोरी के मोबाइल की डिमांड काफी ज्यादा है। आईटी एक्सपर्ट वीके सिंह के मुताबिक मोबाइल चोरी करने वाले शातिर आईएमईआई नंबर ब्रेक करने के लिए एक खास टूल किट का यूज करते है। शातिर आईएमईआई नंबर ब्रेक कर किसी डेड फोन का आईएमईआई नंबर डाल देते हैं। जिससे मोबाइल दूसरे देश में भी चलने लगता है। नेपाल और बांग्लादेश में यह काम आसानी से हो जाता है और वहां पर पकड़े जाने का डर भी नहीं रहता है। नेपाल यूपी की सीमा से सटा हुआ है इसलिए शातिर चोरी के मोबाइल वहां बेचने जाते है।
आईटी एक्सपर्ट दिनेश कुमार के मुताबिक आईएमईआई नंबर से मोबाइल को ट्रेस किया जा सकता है, लेकिन सिर्फ उस देश में जहां से मोबाइल खरीदा गया है। अगर इंडिया में मोबाइल खरीदा गया है तो उसका यहीं पता चलेगा। मोबाइल देश के बाहर चला जाता है तो उसको ट्रेस करने के लिए उस देश की परमीशन की जरूरत होती है। बिना दूसरे देश की परमीशन के मोबाइल ढूंढना बेहद मुश्किल होता है। छह साल में इतने मोबाइल गायब
साल मोबाइल
2013 36102014 71592015 82032016 98152017 110122018 12365 औसतन महीने में ऐसे मोबाइल गायब होते लूट 22चोरी 35गिर जाना या गायब होना 150मोबाइल चोरी होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। एप्लीकेशन में मोबाइल नंबर, आईएमईआई नंबर के अलावा खरीदने की पूरी डिटेल्स दें। जिससे पुलिस को मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने में कोई प्रॉब्लम का सामना न करना पड़े. अनंत देव, एसएसपी, कानपुर नगर