बांसमंडी अग्निकांड में अरबों का नुकसान होने के बाद भी शहर के अन्य बाजारों में अब भी लापरवाही बरती जा रही है. पड़ोस के न्यू हमराज और आलम मार्केट रोजाना की तरह उसी लापरवाही भरे अंदाज में खुले. कहीं कोई सतर्कता के इंतजाम नहीं हैं. आलम मार्केट में बाजार के साथ बड़ी संख्या में आबादी भी निवास करती है.


कानपुर (ब्यूरो) आलम मार्केट में रेडीमेड कपड़ों की बिक्री होती है। संकरी गलियों में यहां पर करीब सौ दुकानें हैं। कई बड़े कांप्लेक्स बन गए हैं। यह सभी कांंप्लेक्स एक दूसरे से सट कर बनाए गए हैं। किसी में भी सेटबैक नहीं है। खास बात ये है कि लगभग सभी में नीचे दुकानें, बेसमेंट में गोदाम और ऊपर की तीन चार मंजिलों में लोग रहते हैं। अगर यहां किसी कारण आग लगी तो बुझाना मुश्किल होगा। आलम मार्केट के आसापस भी आग बुझाने के लिए पानी का कोई इंतजाम नहीं है। न तो आसपास हाईड्रेंट हैं और न दुकानदारों के पास आग बुझाने के उपकरण हैं। यही हालात घंटाघर से डिप्टी पड़ाव जाने वाली सडक़ पर न्यू हमराज कांप्लेक्स में भी हैं।

Posted By: Inextlive