एक्सक्लूसिव

-नगर निगम पीपीपी मॉडल पर शुरू करने जा रहा है बायो डीजल का प्रोडक्शन, टेंडर किए कॉल

- बाई प्रोडक्ट्स का यूज रोड बनाने में होगा, प्लास्टिक से बनी सड़कों की लाइफ भी होगी ज्यादा

एक्सक्लूसिव

-नगर निगम पीपीपी मॉडल पर शुरू करने जा रहा है बायो डीजल का प्रोडक्शन, टेंडर किए कॉल

- बाई प्रोडक्ट्स का यूज रोड बनाने में होगा, प्लास्टिक से बनी सड़कों की लाइफ भी होगी ज्यादा

KANPUR (20 Aug):kanpur@inext.co.in

KANPUR (20 Aug): शहर में निकलने वाले प्लास्टिक वेस्ट से अब बायो फ्यूल और रोड्स बनाई जाएंगी। इस कवायद से प्लास्टिक का यूज भी हो जाएगा और शहर को प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति भी मिल जाएगी। दरअसल, नगर निगम पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पीपीपी मॉडल के तहत ड्रॉप इन फ्यूल प्लांट लगाने जा रहा है। इसे भौती स्थित भौसिंह प्लांट में लगाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने टेंडर भी कॉल किए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत प्लास्टिक नगर निगम प्रोवाइड कराएगा और प्लांट का खर्च लगाने वाली कंपनी को उठाना होगा। फिलहाल ये प्लांट ख्भ्00 वर्ग मीटर जमीन पर भ् मीट्रिक टन प्लास्टिक वेस्ट कैपेसिटी का होगा।

डेली क्7भ् मीट्रिक टन प्लास्टिक

एटूजेड और आईएलएंडएफएस कंपनियों द्वारा कूड़ा निस्तारण का काम बंद करने के बाद फरवरी-ख्0ख्0 नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी की अगुवाई में नगर निगम ने खुद ही प्लांट को संचालित करना शुरू किया। वेस्ट डिस्पोजल के लिए क्भ्00 मीट्रिक टन क्षमता की फ्ए सेक्शन मशीनें लगाई गई। इसमें फ्भ्-ब्0 परसेंट ड्राई वेस्ट निकलता है। इस ड्राई वेस्ट को सेग्रीगेट करने में 90 परसेंट प्लास्टिक निकल रही है। क्भ्00 मीट्रिक टन कूड़ा प्रॉसेस करने में क्भ्0 से क्7भ् मीट्रिक टन प्लास्टिक रोजाना निकल रही है। इस प्लास्टिक का डिस्पोजल नगर निगम के मुसीबत बन गया है। इसके डिस्पोजल के लिए नगर निगम बायो फ्यूल प्लांट लगाने जा रहा है।

बीएस-म् नॉ‌र्म्स का होगा ईधन

अधिशाषी अभियंता प्रोजेक्ट सेल आरके सिंह के मुताबिक बायो फ्यूल प्लांट पीपीपी मॉडल पर लगाने के लिए टेंडर कॉल किया है। इसमें जो भी बायो फ्यूल निकलेगा उसे भारत स्टैंडर्ड-म् के नॉ‌र्म्स को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। इसका यूज वाहनों भी किया जा सकता है। बता दें कि मथुरा नगर निगम में प्लास्टिक से बायो फ्यूल बनाया जा रहा है।

बड़ी मात्रा में निकलती प्लास्टिक

बायो फ्यूल के प्रॉसेस में निकले बाई प्रोडेक्ट में काफी मात्रा में प्लास्टिक होता है। इसका यूज भी नगर निगम रोड बनाने में करेगा। बाई प्रोडक्ट को तारकोल के साथ मिलाकर रोड बनाने होगा, इससे सड़कों की लाइफ बढ़ेगी। बंगलुरू और महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी प्लास्टिक से सड़कें बनाई जा रही हैं। इनकी लाइफ नॉर्मल सड़कों के मुकाबले भ् साल ज्यादा है।

पूरे प्रोजेक्ट में ये मशीनें लगेंगी

-बेलर मशीन

-ग्राइंडिंग मशीन

-एयर ब्लोअर मशीन

-एग्लो मशीन

-एक्सट्रूजन मशीन

-डबल हेड गाटा मशीन

-प्लास्टिक वेस्ट वॉशिंग एंड ड्राइंग यूनिट

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आंकड़ों में प्लांट

-ख्0 लाख मीट्रिक टन कूड़ा पनकी प्लांट में है डंप

-क्भ्00 मीट्रिक टन कूड़ा प्रॉसेस किया जा रहा

-क्7भ् मीट्रिक टन प्लास्टिक रोजाना कूड़े से निकल रही

-ब्0 परसेंट ड्राई वेस्ट कूड़ा प्रॉसेस करने में निकल रहा

-भ् टन प्लास्टिक वेस्ट क्षमता का लगेगा बायो फ्यूल प्लांट

कोट

पायलट प्रोजेक्ट के तहत पीपीपी मॉडल पर बायो फ्यूल प्लांट को लगाया जाएगा। टेंडर किए गए हैं। कंपनी को आने के बाद बाकी चीजें तय की जाएंगी। इसका यूज सड़क बनाने में भी किया जाएगा।

-आरके सिंह, अधिशाषी अभियंता, प्रोजेक्ट सेल, नगर निगम।

Posted By: Inextlive