नगर निगम 8 करोड़ से खरीद रहा 100 नई गाडिय़ां
कानपुर (ब्यूरो)। तमाम कोशिशों के बावजूद घर-घर से गीला व सूखा कूड़ा उठाने में में फेल होने के स्वच्छता सर्वेक्षण में कानपुर की रैकिंग टॉप टेन में नहीं पहुंच पा रही है। उल्टे पिछले साल से आठ रैंङ्क्षकग और कम हो गयी है। स्मार्ट सिटी पर गंदगी दाग बन गयी है। इससे निपटने के लिए नगर निगम ने नए सिरे से तैयारी शुरू की है। आठ करोड़ रुपये से 100 नए वाहन खरीदे जा रहे है। अभी घर-घर से गीला व सूखा कूड़ा उठाने के लिए 411 वाहन है। इसके बाद 511 हो जाएगे। इसके बाद भी डेढ़ सौ और वाहन चाहिए।
पहली प्राथमिकता है
नव नियुक्त महापौर प्रमिला पांडेय ने कार्यभार संभालते ही ऑफिसर्स निर्देश दिए है कि पहली प्राथमिकता सिटी को स्वच्छ बनाना है। इसमें लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाए। पिछले कार्यकाल में 110 वार्डों में महापौर ने अभियान चलाकर सफाई करायी थी। महापौर के तेवरों को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी गयी है।
तीन कंपनियों को दी गई कूड़ा उठान की जिम्मेदारी
स्वच्छता सर्वेक्षण में 2021 में शहर 21 वें स्थान पर था। वहीं 2022 में रैङ्क्षकग बढऩे के बजाए पहली बार गिरकर 29 वें स्थान पर पहुंच गई। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के तहत कूड़ा अब सडक़ पर नहीं आना चाहिए। गीला व सूखे कूड़े के रूप में सीधे घरों से उठकर गंदगी प्लांट पर पहुंच जाए और वहां पर निस्तारण शुरू हो जाए। इसको लेकर तीन कंपनियों को 110 वार्डों से घर से कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी गयी है। वाहन कम पडऩे पर नगर निगम आठ करोड़ रुपये से सौ वाहन खरीदने जा रहा है।
नगर निगम सुबह सात से एक बजे तक घर-घर से गीला व सूखा कूड़ा उठाता है तो साढ़े छह सौ वाहन चाहिए। अगर सुबह 10 बजे तक हर घर से कूड़़ा उठता है तो 11 सौ वाहनों की जरूरत पड़ेगी। एक वाहन करीब सात सौ घरों से गीला व सूखा कूड़ा उठा पाता है। यह रही रैंकिग
2019 में - 65 वें नंबर पर
2020 में - 25 वें नंबर पर
2021 में - 21 वें नंबर पर
2022 में - 29 वें नंबर पर
शहर स्वच्छ हो जाएगा तो समस्याएं ही कम हो जाएगी। पहली प्राथमिकता शहर को स्वच्छता में टाप पर ले जाना है। -प्रमिला पांडेय, महापौर
100 नए वाहन खरीदे जा रहे है।
411 वाहन हैं अभी कूड़ा उठाने के लिए
511 हो जाएंगे नए वाहन मिलने के बाद
150 वाहनों की और जरूरत होगी